इंदौर: इंसानियत की मिसाल! रोजा रखने वाले माजिद ने बचाई कई लोगों की जान

आजतक से बात करते हुए माजिद फारूकी ने बताया कि वे सिविल डिफेंस वर्कर हैं और सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे थे. जिस समय वहां पर पुलिस भी नहीं पहुंची थी, फारूकी ने ना सिर्फ लोगों की जान बचाई बल्कि मदद के लिए कई और लोगों को इकट्ठा किया.

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इंदौर हादसे के संकटमोचक इंदौर हादसे के संकटमोचक

रवीश पाल सिंह

  • भोपाल,
  • 30 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 10:15 PM IST

मध्य प्रदेश के इंदौर में रामनवमी पर बड़ा हादसा हो गया. यहां एक मंदिर में कुएं पर बनी छत धंस गई. इस हादसे में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है. इस दर्दनाक हादसे में कई लोगों ने संकटमोचक बन जिंदगियों को बचाया है. ऐसे ही एक शख्स का नाम है माजिद फारूकी जिनका रोजा था, जिन्होंने खाना नहीं खाया था, लेकिन क्योंकि लोगों की जान बचानी थी, इसलिए उन्होंने धर्म से ऊपर इंसानियत को रखा और कई जिंदगियों को बचाने का काम किया.

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आजतक से बात करते हुए माजिद फारूकी ने बताया कि वे सिविल डिफेंस वर्कर हैं और सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे थे. जिस समय वहां पर पुलिस भी नहीं पहुंची थी, फारूकी ने ना सिर्फ लोगों की जान बचाई बल्कि मदद के लिए कई और लोगों को इकट्ठा किया. उनके उस प्रयास की वजह से कई लोगों को समय रहते मलबे से बाहर निकाला गया. माजिद फारूकी ने बताया कि उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर दो दर्जन से ज्यादा लोगों को बाहर निकाला. उन्होंने जोर देकर कहा कि मौके पर स्थिति गमजदा थी, चीख पुकार चल रही थी. लोग अपने रिश्तेदारों को लेकर रो रहे थे.

बड़ी बात ये है कि फारूकी ने अपना रोजा भी नहीं तोड़ा था. वे कई घंटों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते रहे. उन्होंने पुलिस के साथ मिलकर लगातार लोगों को बाहर निकालने का काम किया. बाद में देर शाम उन्हीं के एक साथी ने उनका इफ्तार करवाया और उनका रोजा टूटा.

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जानकारी के लिए बता दें कि ये हादसा स्नेह नगर के पास पटेल नगर में हुआ. यहां बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में बावड़ी पर बनी छत धंस गई. इस पर मौजूद लोग बावड़ी में गिर गए. मंदिर में रामनवमी पर हवन चल रहा था. बताया जा रहा है कि रामनवमी पर मंदिर में हवन हो रहा था. इसमें शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे. लोग पूजा-अर्चना और आरती कर रहे थे. मंदिर में एक बावड़ी थी, इस पर 10 साल पहले छत डाल दी गई थी. पूजा के दौरान 20-25 लोग बावड़ी की छत पर खड़े थे, तभी छत धंस गई. छत धंसने से लोग इसमें गिर गए. यह बावड़ी 50 फीट गहरी बताई जा रही है.

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