साहित्य आजतक 2019 के सत्र 'सोणे पंजाब दे शबद- पंजाबी साहित्य का उत्सव' में पंजाबी भाषा और उसके साहित्य पर चर्चा हुई. पंजाबी भाषा लेखक सतीश कुमार वर्मा ने कहा कि उन्होंने लेखन की शुरुआत कविता से की, फिर नाटक की ओर पहुंचा. इस तरह से कह सकते है कि मेरा पहला क्रश कविता था, नाटक से शादी हो गई और ससुराल रंगमंच है. पंजाबी में काफी काम हो रहा है लगातार काम हो रहा है. उनके बाद साहित्य अकादमी से सम्मानित और पंजाबी में ढेरों उपन्यास लिख चुके नछत्तर ने अपनी रचना 'कैंसर एक्सप्रेस' के बारे में बताया. वहीं कहानीकार प्रोफेसर कृपाल कजाक ने कहा कि अपने बारे में कुछ भी कहना आसान नहीं होता. अच्छा होता है कि आपका काम आपके बारे में बोले. लंबे समय से मैं कहानी से जुड़ा हआ है. लेकिन मैं हिंदी और उर्दू की कहानियों से काफी प्रभावित हूं. वीडियो देखें.