साहित्य के महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2025' के तीसरे और अंतिम दिन मंच पर 'कविता मैं स्त्री.. बदलते समय की आवाज़' सेशन में खासतौर पर आमंत्रित थीं- सुमन केशरी (कवि और पिरामिडों की हथेलियों में, हिडिम्बा और निमित्त नहीं की लेखिका), अनामिका (साहित्य अकादमी से सम्मानित, 'टोकरी में दिगंत, खुरदुरी हथेलियाँ, डूब-धन' की लेखिका) और सविता सिंह (कवि और नींद थी और रात थी, अपने जैसा जीवन और खोई चीज़ों का शोक की लेखिका). इस दौरान उनसे हुईं क्या कुछ दिलचस्प बातें, जानने के लिए देखें इस पूरे सेशन का ये वीडियो