साहित्य आजतक का आगाज कर बोलीं कली पुरी, 'ये आपको सिखाता है कि दुनिया कैसी हो सकती है'

Sahitya Aajtak 2024: राजधानी दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में साहित्य आजतक कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है. स्वागत भाषण में इंडिया टुडे ग्रुप की एग्जिक्यूटिव एडिटर इन चीफ और वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने कहा, 'साहित्य आजतक संस्कृति का जश्न है. हमारा प्रयास है कि भारतीय कला और साहित्य की अनोखी परंपराओं को अगली पीढ़ी के लिए संभालकर रखें और उसे संवारें.'

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इंडिया टुडे ग्रुप की एग्जिक्यूटिव एडिटर इन चीफ और वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने साहित्य आजतक का आगाज किया. (Photo-Bandeep Singh) इंडिया टुडे ग्रुप की एग्जिक्यूटिव एडिटर इन चीफ और वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने साहित्य आजतक का आगाज किया. (Photo-Bandeep Singh)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:30 AM IST

साहित्य आजतक का मंच एक बार फिर सज गया है. 22 नवंबर से 24 नवंबर तक यानी पूरे तीन दिनों के लिए दिल्ली के मेजर ध्यानचऺद नेशनल स्टेडियम में साहित्य का मेला लग गया है. शुभारंभ सरस्वती वंदना से किया गया. इंडिया टुडे ग्रुप की एग्जिक्यूटिव एडिटर इन चीफ और वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि आजतक आपको दिखाता है कि दुनिया कैसी है. साहित्य आजतक सिखाता है कि दुनिया कैसी हो सकती है. साहित्य आजतक यह सिखाता है कि हम कैसे सबको जोड़ें. ये संस्कृति का जश्न है. इस बार कार्यक्रम में 200 से ज्यादा दिग्गज आर्टिस्ट जुड़ेंगे. 6 मंच होंगे. 

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उन्होंने कहा, 'साहित्य आजतक के सातवें संस्करण में आपका स्वागत करके मुझे सात गुना खुशी हो रही है. 'माइक के लाल' मंच मेरा फेवरिट है. इस मंच पर आप अपना हुनर दिखा सकते हैं. मेरे लिए खुद ही सबसे बड़ा सवाल है कि मैं किस मंच के कार्यक्रम का आनंद लूं.' 

'आजतक आपको दिखाता है दुनिया कैसी है'

इंडिया टुडे ग्रुप की एग्जिक्यूटिव एडिटर इन चीफ और वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने कहा, 'साहित्य वो दवा है, जो बिना बताए काम करती है. कविता वो मरहम है, जो बिना लगाए जख्म भरती है. कहानियां वो पुल हैं, जो बिना दिखे जोड़ती हैं. आजतक आपको दिखाता है कि दुनिया कैसी है. साहित्य आजतक आपको सिखाता है कि दुनिया कैसी हो सकती है. साहित्य आजतक हमें सिखाता है कि कैसे जोड़ें. ये याद दिलाता है कि विचार में हम अलग हो सकते हैं. अलग पार्टी को वोट दे सकते हैं. लेकिन एक ही किताब या एक ही गाने की धुन से हम जुड़ भी सकते हैं. इसलिए साहित्य सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं है. ये एक जरूरत है. एक उपचार और एक आश्वासन है.'

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'इस साल 200 से ज्यादा दिग्गज आर्टिस्ट'

उन्होंने कहा, 'ये हमारी संस्कृति का जश्न है. हमारा प्रयास है कि भारतीय कला और साहित्य की अनोखी परंपराओं को अगली पीढ़ी के लिए संभालकर रखें और उसको संवारें. इस साल के सुपरहिट प्रोग्राम में आपके साथ 200 से ज्यादा दिग्गज आर्टिस्ट जुड़ने वाले हैं. 6 मंच होंगे और हमारे इलेक्शन टूर से स्पेशल गेस्ट पीला हेलिकॉप्टर है. इन 6 मंचों में मेरा फेवरिट तो 'माइक के लाल' मंच है, आपका अपना प्लेटफॉर्म है. हमारे बीच जो राइजिंग स्टार्स हैं, ये उनके लिए है, जहां वो अपने हुनर को दिखा सकते हैं. एक तरफ से बड़े सेलआउट कॉन्सर्ट संगीत के सुपर स्टार्स के साथ तो दूसरी तरफ गुलजार साहब होंगे. उन्हें तो अलग ही दर्जे में रखना होगा. मेरे लिए तो खुद ही सबसे बड़ा सवाल है कि मैं किस मंच के प्रोग्राम का आनंद लूं.'

यह भी पढ़ें: साहित्य के महाकुंभ का हुआ आगाज, ये हस्तियां करेंगी शिरकत, पढ़ें तीन दिन का पूरा शेड्यूल

'आजतक साहित्य जागृति सम्मान समारोह में आएंगी राष्ट्रपति'

इंडिया टुडे ग्रुप की एग्जिक्यूटिव एडिटर इन चीफ और वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने आगे कहा, 'इस साल आजतक साहित्य जागृति सम्मान का दूसरा संस्करण है. आपको याद दिला दूं कि ये अवॉर्ड हमारे भारतीय भाषा के लेखकों को बढ़ावा देने के लिए हमने शुरू किया. आठ अवॉर्ड हैं. भारत के भाषा के अनमोल रत्न. इस साल अवॉर्ड को देने के लिए हमारे मंच पर माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी आएंगी. हमारे साहित्यकारों को इससे बड़ा सम्मान और प्रोत्साहन नहीं मिल सकता. उनका यहां आना ही बहुत बड़ी प्रेरणा है हम सबके लिए.' 

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'आपका विश्वास हम पर अटूट है'

उन्होंने कहा, 'ये सारे मंच और सेलिब्रिटी और हेलिकॉप्टर... ये सिर्फ इसलिए संभव है क्योंकि आपका विश्वास हम पर अटूट है. ये हमें हेलिकॉप्टर शॉट मारने की ताकत देता है. इसके लिए हम आपके आभारी हैं. अब शुरू करते हैं ये तीन दिन का उत्सव. ये सुरीला सिलसिला. जय हिंद.'

इस साल कई शानदार सेशन

बताते चलें कि साहित्य आजतक का यह सातवां संस्करण है. यह मेला साहित्य और अदब से मोहब्बत करने वालों का हॉटस्पॉट बना हुआ है. इस साल के महाकुंभ में कई शानदार सेशन होने जा रहे हैं. भजन गायक अनूप जलोटा के साथ मंगलारंभ हुआ है. पहले दिन अध्यात्म का रस, इश्क का नमक और शायराना कलाम दर्शक को मंत्रमुग्ध करेंगे.

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