साहित्य आजतक 2019 के सत्र लफ्ज़ों का खेल गाने में दो मशहूर गीतकारों ने शिरकत की. संदीप नाथ और शैलेंद्र सिंह सोढ़ी ने मॉडरेटर सईद अंसारी से बातचीत के दौरान बताया कि फिल्मों में गीत कैसे लिखे जाते हैं और इस दौरान को किन-किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है.
संगीतकार संदीप नाथ ने बताया कि- एक बार मैं एक फिल्म कर रहा था. फिल्म के एक्टर रणदीप हुड्डा थे. फिल्म के डायरेक्टर ने कहा कि उन्हें रिस्क शब्द पर एक गाना चाहिए. मैं दिल्ली में पत्रकार था और दिल्ली से मुंबई फिल्मों में काम करने आया था. पहले तो मुझे कुछ समझ नहीं आया मगर जब मैंने सुकून से इस पर सोचा तो मुझे लगा कि इस पर गाना लिखना कितना आसान है. मैंने नए शब्दों को भी इसमें जोड़ा और एक गीत लिखा.
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इसके बाद शैलेंद्र जी ने कहा कि ''मेरे हिसाब से अगर इंसान के अंदर रुचि है, लय-ताल से शख्स वाकिफ है और साहित्य से सरोकार रखता है तो किसी के लिए भी गाना बनाना कोई मुश्किल काम नहीं है. इसके लिए किसी भी खास प्रकार की ट्रेनिंग की जरूरत नहीं होती.
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