बायोग्राफर ने बताया, शाह की तरह राजनाथ को क्यों नहीं मिला 'चाणक्य' का खिताब?

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष रहते हुए नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने. राजनाथ सिंह की अगुवाई में बीजेपी पहली बार केंद्र में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने में सफल रही, लेकिन अमित शाह को चाणक्य कहा जाता है जबकि राजनाथ सिंह इस तमगे से वंचित रह गए.

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साहित्य आजतक के मंच पर राजनाथ की बायोग्राफी लिखने वाले गौतम चिंतामणि साहित्य आजतक के मंच पर राजनाथ की बायोग्राफी लिखने वाले गौतम चिंतामणि

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 5:48 PM IST

  • शाह के मुकाबले राजनाथ सिंह को कम आंकने के सवाल पर बेबाक राय
  • किसी को कमतर या फोकस करने का काम मीडिया करता है-चिंतामणि

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रमुख रहते हुए नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने. राजनाथ सिंह की अगुवाई में बीजेपी पहली बार केंद्र में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने में सफल रही, लेकिन अमित शाह को 'चाणक्य' कहा जाता है जबकि राजनाथ सिंह इस तमगे से वंचित रह गए. ऐसा क्यों हुआ? साहित्य आजतक के मंच पर रविवार को अमित शाह और राजनाथ सिंह की बॉयोग्राफी लिखने वाले लेखकों ने  इस राज को साझा किया.

'राजनीतिः ए बायोग्राफी ऑफ राजनाथ सिंह' के लेखक गौतम चिंतामणि ने अमित शाह के मुकाबले राजनाथ सिंह को कम आंकने के सवाल पर बेबाकी से राय रखी. अमित शाह को अचानक 'चाणक्य' कहा जाने लगा लेकिन राजनाथ सिंह के बीजेपी प्रमुख रहते नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, लेकिन उन्हें 'चाणक्य' नहीं कहा जाता है. इस सवाल पर गौतम चिंता मणि कहते हैं कि सबको पता है कि बीजेपी कैडर आधारित पार्टी है. यहां अगला पार्टी अध्यक्ष कौन होने वाला है, इसके बारे में किसी को पता नहीं है.

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गौतम चिंतामणि ने कहा कि बीजेपी के जो बड़े नेता हैं उन्होंने बड़ा काम किया है, जिस पर किताब लिखी जा सकती है. मुझे नहीं लगता है कि राजनाथ सिंह को कमतर आंका गया. इस तरह का परसेप्शन मीडिया ने पैदा किया है. ये टैग जनता देती है. अभी अमित शाह जिस स्थिति में दिख रहे हैं वो कई सालों की मेहनत है. किसी को कमतर देखना या किसी पर फोकस करना हमारी वजह से होता है.

राजनाथ सिंह से जुड़े 'कड़ी निंदा' पर क्या बोले लेखक

उन्होंने कहा कि जन नेता का लोगों के साथ जुड़ने का अपना अंदाज होता है. लोग राजनाथ सिंह को लेकर मुझसे कई तरह के सवाल करते हैं. 'कड़ी निंदा' वाले टैग को लेकर राजनाथ सिंह के बारे में बहुत पूछा जाता है. मैं यह बताना चाहता हूं कि नेता क्या कहता और वह क्या करता है यह महत्वपूर्ण है. अभी हम यहां नरेंद्र मोदी और अमित शाह की बात कर रहे हैं लेकिन असली बात ये है कि ये सभी लोग श्यामा प्रसाद मुखर्जी से प्रभावित हैं और काम कर रहे हैं. लेकिन श्यामा प्रसाद मुखर्जी को कोई नहीं जानता है. बहुत कम ऐसे नेता हैं जिनकी जीवनी से भारत के बारे में पता चलता है. राजनाथ सिंह के जीवन का अध्ययन करते हुए मैंने पाया कि ये सिर्फ नेताओं की कहानी नहीं, बल्कि ये एक दौर की कहानी है.

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राजनीति में अंदरखाने क्या चलता है और नेता एक दूसरे का कैसे पैर खींचते हैं इस पर कितना ईमानदारी से लिखा गया? अमित शाह की बायोग्राफी लिखने वाले डॉ. अनिर्बान गांगुली ने कहा कि कौन चाणक्य है और कौन नहीं है, यह मीडिया का खड़ा किया हुआ मुद्दा है. अमित शाह ने गुजरात में साबित किया, पार्टी सत्ता में बनी हुई है. सालों से साबित किया, फिर जाकर राजनाथ सिंह ने ही अमित शाह को उत्तर प्रदेश का जनरल सेक्रेटरी नियुक्त किया. यहां न कोई अचानक (चाणक्य बना है) है और न ही कोई कमतर है.



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