बॉलीवुड के जाने माने लिरिसिस्ट और सीबीएफसी चीफ प्रसून जोशी के काम का ढंका हर तरफ बोलता है. 22 नवंबर को दिल्ली में हुए साहित्य आजतक 2024 में प्रसून जोशी ने शिरकत की. इवेंट के सेशन राजाधिराज: लव, लाइफ एंड लीला के दौरान प्रसून ने मॉडरेटर अंजना ओम कश्यप से अपने नए म्यूजिकल प्ले राजाधिराज, प्यार, भारत के बच्चों, पेरेंटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर बात की.
प्रसून जोशी ने कहा, 'आर्ट जो था उसे धीरे-धीरे एंटरटेनमेंट हड़प गया. मनोरंजन को हमारे देखते देखते डिस्ट्रैक्शन ले गया और डिस्ट्रैक्शन कब एडिक्शन बन जाता है आपको पता भी नहीं चलता.' वहीं प्यार के बारे में बात करते हुए प्रसून बोले, 'प्रेम जो है न उसे आप बाहर ढूंढेंगे तो नहीं मिलेगा, वो आपके अंदर है. आपके अंदर होगा तो आपको बाहर भी मिलेगा. मन में जैसी भावना है, आपका प्रेमी वैसा ही आपके सामने प्रकट होता है.'
कैसे लिखा तारे जमीन पर का गाना?
प्रसून जोशी का लिखा गाना 'मां' फैंस को आज भी याद है. आमिर खान और दर्शील सफारी की फिल्म 'तारे जमीन पर' के इस गाने ने दर्शकों को खूब रुलाया था. इसे लिखने के बारे में बात करते हुए प्रसून जोशी ने बताया, 'मैं तारे जमीन पर का मां गाना लिख रहा था. मैं काफी समय तक स्ट्रगल करता रहा कि मैं ऐसा क्या लिखूं जो लोगों तक पहुंचे. आपको आश्चर्य होगा ये जानकर कि आपको लगता है कि जो भावनाएं आप महसूस कर रहे हैं, वो आपको ही महसूस हो रही है. लेकिन वो एक ही वक्त पर बहुत लोगों को महसूस हो रही है.'
उन्होंने आगे कहा, 'मुझे याद है मेरी मां मुझे छोड़कर कहीं जा रही थीं. देखिए लड़के जो हैं वो ब्रेव फ्रंट दिखाने की कोशिश करते हैं. मेरी मां से मैं दूर हो रहा था तो मुझे पता है कि मुझे क्या महसूस होता है. तो मैंने तब अपनी पहली लाइन लिखी- मैं तुझे बतलाता नहीं पर अंधेरे से डरता हूं मैं मां. यूं तो मैं दिखलाता नहीं, तेरी परवाह करता हूं मैं मां. इसके बाद फिर मैं आगे लिखता चला गया. मैं थोड़ा घबराया हुआ था कि ये मेरा पर्सनल ख्याल है, लोग कैसे इससे जुड़ेंगे. मैं कह नहीं सकता कि मुझे कितने लोगों को पत्र भेजे हैं, आज भी भेजते हैं. बहुत सी मांओं ने अपने बेटों को बोर्डिंग स्कूल से वापस बुलाया है.'
प्रेम पर बोले प्रसून
सेशन में आगे प्यार के बारे में उन्होंने बात की. प्रसून जोशी ने कहा, 'मुझे कोई भी प्यार समझ आ जाता है. प्रेम तो प्रेम है उसे आप खांचों में नहीं बांध सकते. आप जब दो और दो चार करने की कोशिश करते हो तो वो खराब हो जाता है. देखिए भगवान का जो रिश्ता है, उसमें उसका समर्पण और प्रेम का जो भाव है, वो पाना नहीं है. मैं प्रेम में अभिभूत रहूं ये जरूरी है. आपको लगता है कि मुझे पाना ही पाना है, तो पाने में कुछ नहीं है. उसमें तो समाप्ति हैं. उसका जो प्रोसेस है वो असली चीज है. प्रेम को पाने में कुछ नहीं है, प्रेम के होने में है.'
प्रसून जोशी ने भारत की कहानियों को बढ़ावा मिलने को लेकर भी अपने विचार सामने रखे. उन्होंने कहा, 'देखिए आज मुझे एक बहुत आत्मविश्वास दिखता है भारत में. राजाधिराज, जो कहानी हमने बनाई है. हमारे अंदर जो कॉन्फिडेंस है अपनी संस्कृति की बात कहने का. ये पुराने वक्त में रहा होगा लेकिन फिर धीरे धीरे हमें लगा होगा कि हमारी संस्कृति बताने लायक नहीं है. हमारे यहां आइडिया और विचारों की भ्रूण हत्या बहुत होती है. समय से पहली ही वो कहानियां दम तोड़ देती हैं. हमें लगता होगा कि मेरी कहानी में ऐसा क्या है, जो मैं उसे कहूं. मेरी कहानी कोई क्यों सुनेगा. अब हमारे अंदर अपनी कहानी सुनाने का आत्मविश्वास है.'
AI चैलेंज का कैसे सामना करेंगे?
प्रसून जोशी ने बात की कैसे अब हमारा समाज अपनी कहानी को आगे रख रहा है. दुनिया में आज भी बहुत लोग हैं जो खुद को आपसे बड़ा दिखाने की कोशिश करते हैं. लेकिन हम अब अपने जैसा बने रहने में खुश हैं. अगर आप अंग्रेजी में बात कर रहे हैं तो जरूर कोई खड़ा होगा और कहेगा कि आप इस लफ्ज को गलत तरह से कह रहे हैं. तो आप उसे कहिए कि मैं ऐसे ही बोलता हूं. उन्होंने कहा, 'एक वैचारिक दादागिरी थी, जो हमारे देश में अब खत्म हो रही है. इससे कई नए लोग और कहानियां बाहर आ रही हैं और मैं इससे खुश हूं. आप विचार की इज्जत कीजिए उसकी लफ्फाजी पर ध्यान मत दीजिए. मुझे लगता है कि AI सबसे पहले लफ्फाजी से हमें बीट करेगी.'
इसके बाद उनसे पूछा गया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नाम के चैलेंज का सामना हम कैसे करेंगे. इसपर प्रसून ने बताया कि AI से उनके जान-पहचान के एक शख्स ने कहा था कि उनकी बेटी के लिए एक कविता प्रसून जोशी की तरह लिख दें. उसने लिख दी तो शख्स ने प्रसून को वो कविता दिखाई. लिरिसिस्ट ने कहा कि शायद मैं ऐसा लिखता हूं, कोशिश अच्छी की गई है.' उन्होंने कहा, 'किसी ने नहीं सोचा था कि AI क्रिएटिव वर्ल्ड में आएगी. मैं आपको बताना चाहता हूं कि विद्या और अविद्या का कॉन्सेप्ट है. जो भी दिमाग से बना है वैदांतिक में उसे अविद्या कहते है. AI लफ्फाजी में बेहतर है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मस्तिष्क के मेनुप्लेशन से होने वाली चीजें कर लेगी. प्यार और इमोशन्स उसके समझ में नहीं आने वाले.' सेशन के दौरान प्रसून ने अपने लिखे गानों और कविताओं को भी सुनाया.
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