लोगों को खुशहाल रखने के नुस्खे बताने में वे माहिर हैं. वे केवल आज की पीढ़ी को नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ी को भी कैसे खुश रखा जा सके, कैसे संतुष्ट रखा जा सके, कैसे यह पीढ़ी अपनी ज़िंदगी को और बेहतर बना कर इस संसार में बतौर 'मनुष्य' जीवन जी सके, इसकी दिशा दिखाते हैं.
उनका नाम कमलेश डी पटेल है. अपने अनुयायियों के बीच वे दाजी के नाम से मशहूर हैं. उनका जन्म 1956 में गुजरात में हुआ था. उन्होंने अहमदाबाद में एक फार्मासिस्ट के रूप में प्रशिक्षण लिया, और एक फार्मेसी छात्र के रूप में जब वे शाहजहांपुर में थे, तो राम चंद्र के मार्गदर्शन में राजयोग ध्यान की सहज मार्ग प्रणाली का अभ्यास शुरू किया.
1983 में राम चंद्र की मृत्यु के बाद, पटेल ने श्री राम चंद्र मिशन के दूसरे अध्यक्ष पार्थसारथी राजगोपालाचारी जो 'चारीजी' के नाम से मशहूर थे, के साथ संगठन में कई जिम्मेदारियां निभाईं. अक्टूबर 2011 में उन्हें चारीजी के उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया गया. दिसंबर 2014 में चारीजी की मृत्यु के बाद, वे आध्यात्मिक मार्गदर्शक और श्री राम चंद्र मिशन के अध्यक्ष बने.
अपनी आध्यात्मिक यात्रा के साथ उन्होंने अहमदाबाद के एल एम कॉलेज ऑफ फार्मेसी से ऑनर्स के साथ स्नातक किया और इसके बाद न्यूयॉर्क शहर चले गए. वहां उन्होंने अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ न केवल फार्मास्यूटिकल व्यवसाय स्थापित किया बल्कि अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री भी हासिल की. उन्होंने भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के शहरों में आध्यात्मिकता पर विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया है.
2003 से वह मुख्य रूप से श्री राम चंद्र मिशन के लिए काम कर रहे हैं और आध्यात्मिक अभ्यास की सहज मार्ग प्रणाली के राज योग गुरु परंपरा के चौथे प्रमुख हैं. वह 1945 में स्थापित इस गैर-लाभकारी संगठन श्री राम चंद्र मिशन के अध्यक्ष के रूप में भी लोगों के जीवन को प्रभावित करने, उपदेश देने, उन्हें आध्यात्म से जोड़ने के अलावा साल 2014 से संयुक्त राष्ट्र के सार्वजनिक सूचना विभाग से भी जुड़े रहे.
दाजी नियमित रूप से कार्यशालाएं आयोजित करते हैं और ध्यान और आध्यात्मिकता के विषय पर प्रेरक पुस्तकें लिखते हैं. पटेल ने 2018 में जोशुआ पोलक के साथ 'The Heartfulness Way' नामक पुस्तक का सह-लेखन किया. उनकी किताब 'Designing Destiny' फरवरी 2019 में रिलीज हुई थी. दाजी की पुस्तक 'The Wisdom Bridge: Nine Principles to a life that echoes in the hearts of your loved ones' जब पिछले साल प्रकाशित हुई थी, तो साहित्य तक के शब्द-रथी कार्यक्रम में जय प्रकाश पाण्डेय ने दाजी से बात भी की थी.
अंग्रेजी में प्रकाशित यही पुस्तक 'The Wisdom Bridge: Nine Principles to a life that echoes in the hearts of your loved ones' अब हिंदी में 'द विज़्डम ब्रिज: आपके प्रियजनों के दिल में को छू जाने वाले जीवन के नौ सिद्धांत' नाम से प्रकाशित हुई है. 'द विज़्डम ब्रिज' में दाजी नौ सिद्धान्तों को प्रस्तुत करते हैं. वे ऐसा जीवन जीने में पाठकों का मार्गदर्शन करते हैं जो उनके बच्चों और प्रियजनों को बेहतर कल और उम्दा वर्तमान की बुनियाद गढ़ने के लिए प्रेरित करता है. ये सिद्धान्त सम्पूर्ण और सुखी जीवन का निर्माण करने के लिए सभी माता-पिता, भावी माता-पिता, दादा-दादी और केयरगिवर्स के लिए महत्त्वपूर्ण सन्दर्भ हैं.
ये सिद्धान्त न केवल आपके बच्चों का जीवन समृद्ध बनाते हुए कल के एक ज़िम्मेदार युवा के रूप में उनकी परवरिश करने में आपकी मदद करेंगे, बल्कि एक प्रेरक जीवन जीने और पारिवारिक रिश्तों में मज़बूती लाने में भी आपके सहायक होंगे.
साहित्य तक के 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय ने इसी महत्त्वपूर्ण कृति 'द विज़्डम ब्रिज: आपके प्रियजनों के दिल में को छू जाने वाले जीवन के नौ सिद्धांत' की जो चर्चा की है. उसे आप यहां सुन भी सकते हैं.
पुस्तक 'द विज़्डम ब्रिज: आपके प्रियजनों के दिल में को छू जाने वाले जीवन के नौ सिद्धांत' को पेंगुइन रेंडम हाउस इम्प्रिंट के तहत हिन्द पॉकेट बुक्स ने प्रकाशित किया है. इस पुस्तक का हिंदी अनुवाद रचना भोला 'यामिनी' ने किया है. पुस्तक में कुल 314 पृष्ठ हैं और इसका मूल्य है 399 रुपए है.
जय प्रकाश पाण्डेय