नशे के कारोबार और चपेट में आने वाले बच्चों की संख्या दिल्ली में लगातार बढ़ रही है. लिहाजा, दिल्ली सरकार जल्दी ही दिल्ली के बड़े अस्पतालों में जुवेनाइल ड्रग रिहैबिटेशन सेंटर खोलने की योजना बना रही है.
जुवेनाइल ड्रग रिहैबिटेशन सेंटर दिल्ली के 6 बड़े
अस्पतालों में खोले जा सकते हैं.
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दिल्ली सरकार के अधिकारियों के अनुसार यह व्यवस्था पीटी मदन मोहन मालवीय हॉस्पिटल, जीबी पंत हास्पिटल, दीन दयाल उपाध्याय हॉस्पिटल, अंबेडकर हॉस्पिटल, लाल बहादुर शास्त्री हॉस्पिटल और इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बीहेवियर एंड अलायड साइंसेज (IHBAS) में की जाएगी. इन अस्पतालों में ड्रग रिहैबिटेशन के लिए 30 बेड सुनिश्चित भी कर दिए गए हैं.
इसके साथ ही अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक बच्चे के लिए एक अटेंडेंट की व्यव्स्था की जाएगी.
सरकार तिलक विहार स्थित दिल्ली अरबन शेल्टर
इंप्रूवमेंट बोर्ड (DUSIB) बिल्डिंग में भी 30 बेड
वाला रिहैबिटेशन सेंटर बनाने की योजना बना रही है.
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फिलहाल तीन सरकारी अस्पतालों मसलन RML,AIIMS और IHBAS में रिहैबिटेशन क्लिनिक के लिए OPD मौजूद है.
दिल्ली सरकार ने यह कदम मेल टुडे द्वारा कराए
गए एक सर्वे में आए नतीजों को देखने के बाद उठाया
है.
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70,000 स्ट्रीट बच्चों पर किए गए इस सर्वे में चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं. सर्वे में 20,000 बच्चों को तंबाकू खाते पाया गया. वहीं 9,450 बच्चों में नशे की लत और 7910 को इंहेलंट (सूंघने वाला नशा) लेते पाया गया. जबकि 5600 बच्चों को गांजा का नशा करते पाया गया. वहीं हीरोइन लेने वाले बच्चों की संख्या 840 पाई गई.
सर्वे की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें 12 साल से कम आयुवर्ग के बच्चों शामिल हैं.