Memorable Train Routes In India: घर के छोटे बच्चों के एग्जाम खत्म होने वाले हैं और गर्मी की छुट्टियां भी बस आने ही वाली हैं. ऐसे में हर कोई इस उमस भरे मौसम में ठंडाहक लेने और छुट्टियों का लुत्फ उठाने के लिए ट्रिप पर जाना चाहेगा. ऐसे में अगर आप भी अपने परिवार के साथ क्वालिटी टाइम एन्जॉय करने जाना चाहते हैं तो क्यों न इस बार ट्रेन का लुत्फ उठाएं. जी हां, भारत में कई ऐसी ट्रेन टिप्स हैं जिनमें आपको गर्मी का अहसास नहीं होगा और आपकी यात्रा यादगार बन जाएगी. तो आइए ऐसे ही कुछ ट्रेन रूट्स के बारे में जानते हैं, जहां गर्मी में फैमिली के साथ जा सकते हैं.
1. दार्जिलिंग हिमालयन
यह भारत का सबसे पुराना नैरो-गेज रेलवे ट्रैक है और न्यू जलपाईगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच चलता है. यह भारत का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन है और इस ट्रैक का नाम 1999 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया था. हालांकि यह ट्रेन अब डीजल से भी चलती है लेकिन पहले ट्रेनें भाप से चलती थीं. इस मार्ग पर आपको हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव होगा. यह ट्रेन यात्रा हरे-भरे जंगलों और चाय बागानों से पहाड़ी चोटियों के बीच से निकलती है.
2. कांगड़ा घाटी रेल मार्ग
सुंदर कांगड़ा घाटी रेलवे मार्ग पंजाब के पठानकोट से हिमाचल प्रदेश के जोगिंदर नगर तक फैला है, जिसमें क्रमशः 250 फीट और 1,000 फीट की दो शानदार सुरंगें हैं. इन सुरंगों से गुजरने वाली ट्रेन और आसपास की ग्रीनरी देखकर काफी शांति मिलती है.
3. कालका से शिमला
हिमालयन क्वीन या शिवालिक एक्सप्रेस ट्रेन नैरो-गेज पहाड़ी मार्ग पर चलती है जो कालका से शुरू होती है और शिमला तक जाती है. इस रेलवे मार्ग की स्थापना भारत की तत्कालीन ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला और शेष भारतीय रेलवे नेटवर्क के बीच संबंध बनाने के लिए की गई थी.
यह टॉय ट्रेन चीड़ वाले पेड़ वाली हरी-भरी घाटियों से गुजरती हुई शिमला में समाप्त होती है. इस ट्रैक पर पर्यटकों के मनोरंजन के लिए केवल टॉय ट्रेनें ही चलती हैं. इस मार्ग पर 102 सुरंगों, 87 पुल और 900 मोड़ हैं. इस ट्रेक को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थलों की लिस्ट में शामिल किया है.
4. जम्मू से बारामूला
इंडिया का स्वर्ग कहे जाने वाली जम्मू में भी आप ट्रेन का लुत्फ उठा सकते हैं. इसके लिए आपको जम्मू-बारामूला रेलवे रूट की यात्रा का प्लान जरूर बनाना चाहिए. यह उत्तरी भारत के सबसे चुनौतीपूर्ण मार्गों में से एक है और इसे रेलवे पटरियों की मदद से कश्मीर घाटी को भारतीय मुख्य भूमि से जोड़ने के लिए बनाया गया है. इस मार्ग पर 700 से अधिक पुल और कई सुरंगें हैं. यह पहाड़ों से घिरा हुआ है और चिनाब नदी को पार करता हुआ जाता है.
5. कन्याकुमारी से त्रिवेन्द्रम
अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर का संगम इस रेल यात्रा में देखा जा सकता है. इस ट्रैक के दौरान बैकवाटर, हरी-भरी हरियाली और स्वादिष्ट दक्षिण भारतीय व्यंजनों के साथ आप इस यात्रा का आनंद ले सकते हैं. सूर्यअस्त समेत कई अद्भुत नजारे इस रेल्वे यात्रा के दौरान देखे जा सकते हैं.
6. मेट्टुपालयम से ऊटी
'दक्षिण की टॉय ट्रेन' पर सवार होकर समय और धुंध के बीच से यात्रा करने के साथ-साथ और पहाड़ियों और हरी-भरी घाटियों का आनंद आप इस रेल यात्रा में ले सकते हैं. घुमावदार पहाड़ियां, क्रिस्टल क्लियर पानी वाली झीलें और इस सफर का मजा दोगुना कर देती हैं.
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