काशी की तर्ज पर बिहार में महाबोधि और विष्णुपद कॉरिडोर का होगा विकास

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट पेश करते हुए बिहार के लिए कई बड़े ऐलान किए जिसमें प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देना भी शामिल था. उन्होंने बताया कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर महाबोधि और विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर बनाया जाएगा.

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वित्त मंत्री ने बिहार के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई ऐलान किए हैं (Photo- PTI) वित्त मंत्री ने बिहार के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई ऐलान किए हैं (Photo- PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 1:10 PM IST

Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया जिसमें उन्होंने कई बड़े ऐलान किए हैं. बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी घोषणा में कहा कि उत्तर प्रदेश के काशी कॉरिडोर की तर्ज पर बिहार में महाबोधि और विष्णुपद कॉरि़डोर का विकास किया जाएगा.
 
वित्त मंत्री ने कहा, 'पर्यटन हमेशा से हमारी सभ्यता का हिस्सा रहा है. भारत को वैश्विक टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की हमारी कोशिश नई नौकरियां पैदा करेंगी और दूसरे सेक्टर्स में भी नए अवसर पैदा करेंगी. गया में विष्णुपद मंदिर और बोधगया में महाबोधि मंदिर बेहद महत्वपूर्ण स्थल हैं. हम दोनों ही जगहों पर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर कॉरिडोर का निर्माण करेंगे ताकि ये जगहें वैश्विक टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनें.'

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साथ ही वित्त मंत्री ने बिहार के मशहूर पर्यटन स्थल राजगीर पर बोलते हुए कहा कि वहां के हॉट स्प्रिंग्स यानी गर्म पानी के कुंड को संरक्षित करने का काम किया जाएगा. उन्होंने नालंदा में पर्यटन को बढ़ाने पर काम करने पर भी जोर दिया.

अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने बिहार में रोड कनेक्टिविटी बढ़ाने पर भी बात की. उन्होंने कहा कि पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस वे, बोधगया-राजगीर वैशाली दरभंगा एक्सप्रेस वे बनाया जाएगा. बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन का पुल भी बनाया जाएगा. इसके लिए 26000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

महाबोधि मंदिर का महत्व

बिहार के बोधगया में स्थित महाबोधि मंदिर सबसे प्राचीन बौद्ध मंदिरों में से एक है. मंदिर का निर्माण सम्राट अशोक ने तीसरी शताब्दी पूर्व में इस मंदिर का निर्णा कराया था. मंदिर की ऊंचाई 52 मीटर है जिसमें भगवान बुद्ध की सोने से बनी मूर्ति स्थापित है. बोधगया में ही भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और इसलिए बौद्ध भिक्षुओं के लिए मंदिर और यह शहर सबसे पवित्र माना जाता है.

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विष्णुपद मंदिर

बिहार के गया में स्थित विष्णुपद मंदिर का पुनर्निमाण 18वीं सदी में महारानी अहिल्याबाई ने कराया था, ऐसी मान्यता है कि यहां भगवान विष्णु के चरण सतयुग के समय से ही हैं. 

पितृपक्ष के अवसर पर यहां देशभर से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. मान्यता है कि यहां पितरों के तर्पण के बाद मंदिर में भगवान विष्णु के चरणों के दर्शन से समस्त दुखों का नाश होता है.

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