तंबाकू से बढ़ रहीं हृदय संबंधी गंभीर समस्याएं, जानें कैसे करें बचाव

हर साल तंबाकू और धूम्रपान से लाखों जिंदगियां बरबाद हो रही हैं. दुनियाभर में तंबाकू का इस्तेमाल अकाल मृत्यु और बीमारी का प्रमुख कारण है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 1 अरब लोग धूम्रपान और तंबाकू का सेवन करते हैं, जिनमें से आधे प्रतिशत लोगों की सामान्य उम्र से पहले मृत्यु होने की संभावना बढ़ जाती है. 60 लाख लोग हर साल तंबाकू के सेवन से मर रहे हैं.

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प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

मंजू ममगाईं / aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 जून 2019,
  • अपडेटेड 9:17 AM IST

हर साल तंबाकू और धूम्रपान से लाखों जिंदगियां बरबाद हो रही हैं. दुनियाभर में तंबाकू का इस्तेमाल अकाल मृत्यु और बीमारी का प्रमुख कारण है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 1 अरब लोग धूम्रपान और तंबाकू का सेवन करते हैं, जिनमें से आधे प्रतिशत लोगों की सामान्य उम्र से पहले मृत्यु होने की संभावना बढ़ जाती है. 60 लाख लोग हर साल तंबाकू के सेवन से मर रहे हैं.

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भारत की यह संख्या तकरीबन 10 लाख प्रतिवर्ष है. इस बार वल्र्ड नो तंबाकू दिवस की थीम 'तंबाकू और हृदय रोग' रखी गई है. इससे अभिप्राय है कि वल्र्ड स्तर पर तंबाकू के कारण पैदा होने वाली हृदय और इससे जुड़ी अन्य गंभीर समस्याओं से लोगों को अवगत किया जाए. इसके लिए सरकार और आम जनता दोनों को ऐसे कदम उठाने चाहिए, जिससे विश्वस्तर पर तंबाकू के कारण हृदय को होने वाले जोखिम को कम किया जा सके.

बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के सीनियर कंसलटेंट (रेस्पिरेटरी मेडिसिन) डॉ. ज्ञानदीप मंगल बताते हैं कि अनुमानत: 90 प्रतिशत फेफड़े के कैंसर, 30 प्रतिशत अन्य प्रकार के कैंसर, 80 प्रतिशत ब्रोंकाइटिस, इन्फिसिमा एवं 20 से 25 प्रतिशत घातक हृदय रोगों का कारण धूम्रपान है.

उन्होंने कहा कि भारत में जितनी तेजी से धूम्रपान के रूप में तंबाकू का सेवन किया जा रहा है, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हर साल तंबाकू सेवन के कारण कितनी जानें खतरे में हैं. तंबाकू पीने का जितना नुकसान है, उससे कहीं ज्यादा नुकसान इसे चबाने से होता है. तंबाकू में कार्बन मोनोऑक्साइड और टार जैसे जहरीले पदार्थ पाए जाते हैं और यह सभी पदार्थ स्वास्थ के लिए जानलेवा हैं.

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धूम्रपान और धुएं रहित (तंबाकू चबाना) दोनों ही समान रूप से जानलेवा हैं. लोग धूम्रपान या तो स्टाइल या फिर स्टेटस के लिए शुरू करते हैं, पर तंबाकू आपके फेफड़ों पर हमला करता है और हृदय और रक्त धमनियों में ऑक्सीजन के आवागमन में बाधा डालता है. इतना ही नहीं, तंबाकू प्रजनन क्षमता को भी कमजोर कर सकता है कैंसर जेसी जानलेवा बीमारी को भी सीधा न्योता देता है.

4000 रसायनों में से तंबाकू में 70 आईएआरसी समूह 1 कैंसरजन हैं, जो मुंह के कैंसर, फेफड़ों के कैंसर, ग्रासनली, अग्नाशय, मूत्राशय आदि में कैंसर को बढ़ावा दे सकते हैं. आपके द्वारा उपभोग किए जाने वाले तंबाकू की ब्रांड या प्रकार को देखकर कभी गुमराह न हों कि यह आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकता. विश्वास कीजिए, तंबाकू का सेवन हर हाल में आपको नुकसान पहुंचाता है.

नारायणा सुपरस्पेशेलिटी अस्पताल में कंसल्टेंट (सर्जिकल ओन्कोलॉजिस्ट) डॉक्टर शिल्पी शर्मा के अनुसार, "आप तंबाकू का सेवन चाहे धूम्रपान के रूप में करें या फिर इसे चबाएं, यह दोनों ही रूपों में आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है. तंबाकू में मौजूद निकोटिन की वजह से आपको तंबाकू के सेवन की लत लग सकती है, जिसका असर आपके सारे शरीर पर पड़ता है."

उन्होंने कहा कि तंबाकू के धुएं में कई हजार अलग-अलग रसायन होते हैं, जिनमें से कई रसायन लोगों में बीमारी का कारण बन सकते हैं. धूम्रपान करने और तंबाकू चबाने से क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी बीमारी, फेफड़ों का कैंसर, हृदय रोग और स्ट्रोक इत्यादि जैसी कई क्रोनिक बीमारियां हो जाती हैं.

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डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, सीओपीडी दुनियाभर में लोगों के मरने का तीसरा प्रमुख कारण है और हृदय रोग के कारण होने वाली 20 प्रतिशत मृत्यु के लिए धूम्रपान के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोने ही रूप जिम्मेवार हो सकते हैं. यदि आज आप तंबाकू छोड़ना चाहते हैं तो निकोटिन च्यूइंगम, पैचेज, स्प्रे, इन्हेलर जैसे पदार्थों का उपयोग डॉक्टर की देखरेख में ले सकते हैं. इसके अवाला कुछ हेल्पलाइन नंबर्स है जो आपको इससे निजात पाने में मदद करते हैं.

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