कच्ची पालक को दूध के साथ मिलाकर खाएं, सबसे ज्यादा है फायदेमंद

ये बात तो सबको पता है कि पालक कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है लेकिन अक्सर लोगों को पालक खाने का सही तरीका नहीं पता होता है. एक नई स्टडी में बताया गया है कि पालक को किस तरह खाने पर होगा सबसे ज्यादा फायदा.

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पालक की स्मूदी सबसे हेल्दी पालक की स्मूदी सबसे हेल्दी

प्रज्ञा बाजपेयी

  • नई दिल्ली,
  • 25 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 7:46 PM IST

एक नई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि पालक को काटकर स्मूदी बनाकर पीना सबसे स्वास्थ्यवर्धक तरीका है. हरी सब्जियों को पकाने से उनके एंटीऑक्सिडेंट्स टूट जाते हैं जबकि योगर्ट और दूध में इसे कच्चा मिलाकर पीने से ताकतवर पोषक तत्व लुटीन मिलता है. हालिया स्टडी के मुताबिक, पालक उबालने या फ्राइ करने से लुटीन पूरी तरह से नष्ट हो जाती है.

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पहले हुए कई शोधों में यह बात सामने आ चुकी है कि लुटीन से हार्ट अटैक का खतरा कम होता है और आंखों को नुकसान पहुंचने से रोकता है.

स्वीडन में लिंकोपिंग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पालक पकाने के अलग-अलग तरीकों पर परीक्षण किया और जांच की कि इसके पोषक तत्व में कितना असर पड़ा है.

वैज्ञानिकों ने नियमित तौर पर लुटीन के स्तर की जांच की और पाया कि कच्ची पालक को दुग्ध उत्पादों के साथ मिलाकर सेवन करने का तरीका सबसे ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक है.

पीएचडी रिसर्चर और स्टडी की लेखिका रोसन्ना चंग ने कहा, पालक को किसी भी सूरत में पकाने से बचें. सबसे अच्छा होगा कि स्मूदी बनाएं और क्रीम, दूध और दही जैसे दुग्ध उत्पादों के साथ मिलाकर खाएं.

उन्होंने बताया, 'जब पालक को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाता है तो ज्यादा लुटीन निकलता है और दुग्ध उत्पादों में मिलने वाले फैट से लुटीन की स्मूदी में घुलनशीलता बढ़ जाती है. जितना ज्यादा लुटीन स्मूदी में घुलता है, शरीर में उतना ही ज्यादा अवशोषित होता है.'

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वहीं, जब पालक को लंबे समय तक ज्यादा हीट पर पकाया जाता है तो इससे हरी सब्जियों के पोषक तत्व पूरी तरह से बर्बाद हो जाते हैं.

स्टडी के मुताबिक, कम आंच पर पकाए गया खाने में फिर भी विटामिन बचे रह जाते हैं और माइक्रोवेव में पालक को पकाना भी एक हेल्दी ऑप्शन है.

यह रिसर्च जर्नल फूड केमिस्ट्री में प्रकाशित हुआ है.

WebMD के मुताबिक, लुटीन सप्लीमेंट हार्ट डिसीज, कोलन, ब्रेस्ट कैंसर और टाइप-2 डायबिटीज का खतरा कम करने में भी असरदार है. इसे आई विटामिन भी कहा जाता है जिससे सूरज की रोशनी से होने वाले नुकसान से सुरक्षा होती है.

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