हार्मोंस केवल शारीरिक विकास ही नहीं, बल्कि ये चीजें भी करते हैं कंट्रोल

हालिया अध्ययन की रिपोर्ट दावा करती है कि हार्मोंस से केवल शारीरिक विकास ही नहीं होता, बल्कि हमारा व्यवहार और भावनाएं भी हार्मोंस पर ही आधारित होती हैं.

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वंदना भारती

  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 4:43 PM IST

यह तो हम सभी जानते हैं कि हार्मोंस हमारे शारीरिक विकास में कितनी अहम भूमिका निभाते हैं. हाल ही में हुए एक अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा किया गया है. अध्ययन की रिपोर्ट दावा करती है कि हार्मोंस से केवल शारिरिक विकास ही नहीं होता, बल्कि हमारा व्यवहार और भावनाएं भी हार्मोंस पर ही आधारित होती हैं.

यह अध्ययन यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं ने किया है.

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शोधकर्ताओं की मानें तो हमारा स्वभाव और विचार हमारे अंदर मौजूद हार्मोंस ही तय करते हैं. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि हर इंसान में हार्मोंस का लेवल अलग होता है. जिस कारण हर व्यक्ति का व्यवहार एक दूसरे से काफी अलग देखा जाता है.

जानें शरीर में मौजुद हार्मोंस कैसे करते हैं काम:

ऑक्सीटोसीन हार्मोन:

हमारे शरीर में पाए जाने वाला यह एक ऐसा हार्मोन है, जो किसी व्यक्ति के लिए हमारे अंदर प्यार की भावना पैदा करता है. इस हार्मोन की मात्रा शरीर में ज्यादा होने के कारण व्यक्ति दूसरों के प्रति बहुत जल्दी आकर्षित होने लगता है.

सेरोटोनिन हार्मोन:

आपको किस समय कितना गुस्सा आएगा, यह सेरोटोनिन हार्मोन पर निर्भर करता है. यह हार्मोन हमारे दिमाग को शांत रखने में अहम भूमिका निभाता है. साथ ही व्यक्ति का ज्यादा या कम क्रोधित होना यही हार्मोन तय करता है.

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टेसटोरोन हार्मोन:

अगर शरीर मे मौजूद इस हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाए तो यह कई बीमारियों को जन्म दे सकता है. इस हार्मोन का बढ़ना और घटना दोनों ही शरीर के लिए नुकसानदायक होता है. अगर इस हार्मोन का लेवल ज्यादा हो जाए तो आपको कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. जैसे वजन बढ़ना, सर के बाल झड़ना, कील मुंहासे आदि. जबकि इस हार्मोन के घटने से स्तन कैंसर और दिल से जुड़ी बीमारियां होती हैं.

थायरॉयड हार्मोन:

यह हार्मोन हमारे शरीर में एक ग्रंथि के सामान होता है, इस ग्रंथि से पैदा होने वाले हार्मोन इंसान की कार्य करने की क्षमता पर असर डालते हैं. इस हार्मोन की कमी के कारण व्यक्ति को जल्दी थकान महसूस होने लगती है, और शरीर सुस्त हो जाता है. बता दें कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह हार्मोन अधिक मात्रा में पाया जाता है.

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