आखिर क्यों मनाया जाता है 'अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस', ये है पूरी कहानी

आज 1 मई को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जा रहा है. भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत चेन्नई में 1 मई 1923 में हुई. भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1 मई 1923 को मद्रास में इसकी शुरुआत की थी.

Advertisement
प्रतीकात्मक फोटो (Pixabay Image) प्रतीकात्मक फोटो (Pixabay Image)

मंजू ममगाईं / aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 मई 2019,
  • अपडेटेड 1:04 PM IST

आज 1 मई को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जा रहा है. खास बात यह है कि इस दिन को पिछले 132 साल से मनाया जा रहा है. आज ही के दिन दुनिया भर के मजदूरों के अनिश्चित काम के घंटों को 8 घंटे में बदला गया था.

दरअसल, साल 1877 में मजदूरों ने अपने काम के घंटे तय करने की अपनी मांग को लेकर एक आंदोलन शुरू किया. जिसके बाद एक मई 1886 को पूरे अमेरिका में लाखों मजदूरों ने एकजुट होकर इस मुद्दे को लेकर हड़ताल की. इस हड़ताल में लगभग 11 हजार फैक्ट्रियों के 3 लाख 80 हजार मजदूर शामिल हुए.

Advertisement

इस हड़ताल के बाद साल 1889 में पेरिस में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय महासभा की दूसरी बैठक में फ्रेंच क्रांति को ध्यान में रखते हुए एक प्रस्ताव पास किया गया. इस प्रस्ताव में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाए जाने की बात स्वीकार की गई. इस प्रस्ताव के पास होते ही अमेरिका में सिर्फ 8 घंटे काम करने की इजाजत दे दी गई.

जिसके बाद पहली मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत हुई. भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत चेन्नई में 1 मई 1923 में हुई. भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1 मई 1923 को मद्रास में इसकी शुरुआत की थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement