लॉकडाउन रहते पूरे कर लें ये 3 काम, फिर नहीं मिलेगा ऐसा मौका

चूंकि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, इसलिए उसे ज्यादा देर दायरों में बांधकर रखने से मुश्किलें पैदा हो सकती हैं. भारत के संदर्भ में तो ऐसा करना और भी मुश्किल है, क्योंकि यहां लोग एक-दूसरे से मिलना पसंद करते हैं.

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लॉकडाउन के दौरान भारतीयों को तीन खास बातें याद रखनी चाहिए- सेवा, स्मृण और संघ. लॉकडाउन के दौरान भारतीयों को तीन खास बातें याद रखनी चाहिए- सेवा, स्मृण और संघ.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 मई 2020,
  • अपडेटेड 8:07 AM IST

कोरोना वायरस के चलते देशभर में हुए लॉकडाउन में लोगों से घर में रहने की अपील की जा रही है. चूंकि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, इसलिए उसे ज्यादा देर दायरों में बांधकर रखने से मुश्किलें पैदा हो सकती हैं. भारत के संदर्भ में तो ऐसा करना और भी मुश्किल है, क्योंकि यहां लोग एक-दूसरे से मिलना पसंद करते हैं. फिल्म देखने सिनेमा हॉल जाते हैं और दोस्तों के साथ पार्टी करते हैं.

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लेकिन फिर भी महामारी की चपेट से मानव जाति को बचाने के लिए लॉकडाउन करना जरूरी हो गया है. 'द चोपड़ा फाउंडेशन' के संस्थापक दीपक चोपड़ा ने इस विषय में लोगों को विस्तार से जानकारी दी.. क्वांटम हीलिंग किताब के लेखक दीपक चोपड़ा ने ई-कॉन्क्लेव के सेशन ‘रिसेट बॉडी ऐंड माइंड’ में लोगों को लॉकडाउन के दौरान तीन खास बातों पर ध्यान देने के लिए कहा.

डॉ. चोपड़ा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान भारतीयों को तीन खास बातें याद रखनी चाहिए- सेवा, स्मरण और संघ. सेवा यानी अपने बारे सोचना छोड़कर दूसरे असहाय लोगों के बारे में सोचना शुरू कीजिए.

'स्मरण' यानी सेल्फ रिफ्लेक्शन. इस लॉकडाउन में खुद को समझने का प्रयास कीजिए. मैं क्या हूं? मैं क्या करना चाहता हूं? मेरा लक्ष्य क्या है? इस तरह के सभी सवालों का जवाब खुद में ढूंढने का ये एक बेहतरीन मौका है.

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'संघ' यानी समुदाय. आपको समझना होगा कि आपका परिवार, आपके बच्चे, आपके दोस्त, आपके परिजन और रिश्तेदार ये सभी समुदाय का हिस्सा हैं. इनके साथ संपर्क स्थापित करना बहुत जरूरी है. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपका दिमाग आउट ऑफ बैलेंस हो सकता है.

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