अस्थमा एक क्रॉनिक श्वसन संबंधी बीमारी है जिससे दुनिया में करोड़ों लोग परेशान हैं. यह एक ऐसी बीमारी है जो वायु मार्ग में सूजन पैदा करके उन्हें संकुचित कर देती है, जिससे व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि दुनिया भर में लगभग 235 मिलियन लोग अस्थमा से पीड़ित हैं. इस कारण से, हर साल मई के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है ताकि इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके और इससे पीड़ित लोगों की स्थिति को कम किया जा सके.
गर्मियों के मौसम में कई लोगों को अस्थमा की समस्या का काफी ज्यादा सामना करना पड़ता है. गर्मियों में बढ़ता तापमान अस्थमा की समस्या को बढ़ा सकता है. ऐसे में यह समझना कि गर्मियों में अस्थमा क समस्या क्यों ज्यादा होती है और इसे कैसे कम किया जा सकता है यह काफी जरूरी है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अस्थमा के मरीजों को मौसम बदलने पर अपना खास ख्याल रखना चाहिए.
गर्मियों के मौसम में अस्थमा की दिक्कत बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं. आइए जानते हैं इन कारणों के बारे में-
वायु प्रदूषक- हीटवेव अक्सर ग्राउंड-लेवल ओजोन और पार्टिकुलेट मैटर के लेवल को बढ़ा देते हैं, जो अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं. "हीटवेव से जुड़ी तेज धूप और हवा ग्राउंड-लेवल ओजोन के निर्माण को बढ़ावा देती है, जो एक पावरफुल रेस्पिरेटरी इरिटेंट ( श्वसन उत्तेजक) है. वायु प्रदूषकों में यह बढ़ोतरी वायु मार्गों में सूजन और अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकती है, जिससे मरीजों के लिए सांस लेना मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा, हवा इन प्रदूषकों को फैलने से रोकती है, जिसके कारण अस्थमा के मरीजों को इसका सामना काफी लंबे समय तक करना पड़ता है.
ह्यूमिडिटी- हाई ह्यूमिडिटी अस्थमा रोगियों के लिए खतरनाक हो सकती है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, गर्मी और ह्यूमिडिटी के कारण सांस लेना मुश्किल हो सकता है, जिससे अस्थमा के बढ़ सकता है. साथ ही, पसीना आने से डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिससे वायु मार्ग में कफ गाढ़ा हो सकता है और अस्थमा के लक्षण और खराब हो सकते हैं.
एयर कंडीशनिंग- गर्मी में एयर कंडीशनिंग से राहत मिलती है, लेकिन अस्थमा मरीजों के लिए यह समस्या भी पैदा कर सकती है. एयर कंडीशनिंग से घर के अंदर मौजूद धूल या मिट्टी के कण हवा में उड़ने लगते हैं जिससे अस्थमा के मरीजों को दिक्कत हो सकती है. साथ ही, तापमान में अचानक बदलाव से सांस लेने में कठिनाई हो सकती है.
रेस्पिरेटरी सिस्टम पर दबाव- अत्यधिक गर्मी से रेस्पिरेटरी सिस्टम पर दबाव बढ़ सकता है. अस्थमा के मरीजों में इससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है, क्योंकि गर्मी से रेस्पिरेटरी मसल्स में थकान आ सकती है और ब्रोन्कोकन्सट्रिक्शन हो सकता है.
आजतक लाइफस्टाइल डेस्क