यहूदियों और मुसलमानों के लिए शुक्रवार का दिन इतना खास क्यों होता है? जानें इसके मायने

आपने अक्सर सुना होगा कि शुक्रवार का दिन मुसलमानों और यहूदियों के लिए काफी खास होता है. इस दिन मुसलमान और यहूदी विशेष प्रार्थना करते हैं और इस दिन को त्योहार की तरह मनाते हैं. इस खबर में हम आपको बता रहे हैं कि आखिर शुक्रवार में ऐसी क्या खास बात है जो इसे बाकी दिनों से अलग बनाती है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 1:13 PM IST

यहूदी धर्म और इस्लाम दोनों में शुक्रवार का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. यह दिन दोनों धर्म में आस्था और कम्युनिटी गैदरिंग के तौर पर मनाया जाता है. यहूदी शुक्रवार के दिन शब्बत मनाते हैं जो उत्सव मनाने और प्रार्थना का दिन होता है. छुट्टियां मनाने के लिए लोग साल में आने वाले त्योहारों का इंतजार करते हैं लेकिन यहूदी धर्म में हर हफ्ते यह दिन एक बेहद पवित्र उत्सव की तरह मनाया जाता है.

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यहूदियों के लिए बेहद पवित्र है शबात

सब्बात जिसे हिब्रू भाषा में शबात और यिडिश भाषा में शब्बोस के नाम से जाना जाता है, यह शुक्रवार को सूर्यास्त के समय शुरू होता है और शनिवार की शाम को हवदलाह के साथ समाप्त होता है. यह एक ऐसा समारोह है जो शबात से नियमित सप्ताह शुरू होने का प्रतीक होता है. 

इसलिए मनाते हैं शब्बात

यहूदी धर्म की धार्मिक पुस्तक तोरा में बताया गया है कि दुनिया बनाने के बाद ईश्वर के आराम करने की कथा से प्रेरित शबात का दिन सृष्टि का जश्न मनाता है और दैनिक जीवन की व्यस्त गति से राहत प्रदान करता है. यह आराम, आनंद और ईश्वर की प्रशंसा का दिन है जो लोगों को अपने आस-पास के अजूबों को देखने के लिए आमंत्रित करता है. 

शबात सृजन का उत्सव मनाता है और दैनिक जीवन की व्यस्तता से इंसानों को आराम और सुकून प्रदान करता है. 

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शबात यहूदी लोगों के जीवन का आधार है. जैसा कि प्रमुख यहूदी विचारक अहद हा-अम ने कहा, 'यहूदी लोगों ने जितना शबात का पालन किया है, उससे कहीं ज्यादा शबात ने यहूदी लोगों को साथ रखा है. यह दुनिया भर के यहूदियों को एकजुट होने का अवसर देता है.'

मुसलमानों के लिए भी पवित्र है शुक्रवार
इसी तरह शुक्रवार मुसलमानों के लिए भी एक महत्वपूर्ण दिन है जिसे सप्ताह के किसी भी अन्य दिन की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. यह वह दिन है जब मुसलमान सामूहिक प्रार्थना जुमा के लिए इकट्ठा होते हैं जहां वो इस्लामी उपदेश सुनने के लिए एक साथ जमा होते हैं जो ईश्वर और इस्लाम के बारे में उनकी समझ को बढ़ाती है. ऐसा माना जाता है कि शुक्रवार अपने गुनाहों की माफी मांगने और अल्लाह की नेमत मिलने का विशेष दिन है. 

इन दोनों धर्म को मानने वाले लोगों के लिए शुक्रवार का दिन काफी पवित्र और आस्था का दिन होता है. शबात और जुमा दोनों यहूदी और मुस्लिम जीवन के धार्मिक और आध्यात्मिक मूल्यों को जानने, समझने, पालन करने और जश्न मनाने का मौका होता है.

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