गर्दन में एक छोटी तितली के आकार की ग्रंथि, थायराइड, मेटाबॉलिज्म, एनर्जी लेवल और ओवरऑल हेल्थ को रेगुलेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. जो लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं उन्हें कमजोरी, थकान, वजन बढ़ने जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है ऐसे में डाइट में प्रोटीन, नमक, गोइट्रोजन होना जरूरी है.
दो प्रकार का होता है थायराइड-
हाइपरथायरायडिज्म से एट्रियल फिब्रिलेशन, ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर होने की संभावना रहती है. वहीं हाइपोथायरायडिज्म, मायक्सेडेमा कोमा और मृत्यु का कारण बनता है. थायराइड समस्याओं का सबसे आम कारण ऑटोम्यून्यून थायराइड रोग (एआईटीडी) है. यह एक वंशानुगत यानी जेनेटिक स्थिति है. जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली एंटीबॉडी उत्पन्न करती है. ये थायराइड ग्रंथियों को अधिक हार्मोन बनाने के लिए उत्तेजित करती है.
तो अगर आप भी थायराइड की समस्या से जूझ रहे हैं तो हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आपको आंख बंद करके अपनी डाइट में शामिल कर लेना चाहिए. आइए जानते हैं इन चीजों के बारे-
सीवीड और आयोडीन से भरपूर चीजें- थायराइड हार्मोन के प्रोड्क्शन के लिए आयोडीन को बेहद जरूरी माना जाता है. आयोडीन थायराइड हार्मोन के उत्पादन के लिए आवश्यक एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है. नोरी, केल्प और वाकामे जैसी सीवीड की किस्में आयोडीन का सबसे अच्छा सोर्स मानी जाती हैं. आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से हार्मोनल बैलेंस बनाए रखने में मदद मिलती है. हालांकि, जरूरत से ज्यादा आयोडीन का सेवन करने से थायराइड फंक्शन में बाधा आती है.
सेलेनियम के लिए ब्राजील नट्स- सेलेनियम एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो थायराइड हार्मोन मेटाबॉलिज्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ब्राजील नट्स सेलेनियम के सबसे अच्छे सोर्स में से एक हैं, जो सूजन को कम करने और इम्यूनिटी सिस्टम को सपोर्ट करने में मदद करते हैं. प्रतिदिन केवल दो से तीन ब्राजील नट्स खाने से सेलेनियम की डेली जरूरत पूरी हो सकती है.
ओमेगा-3 के लिए फैटी फिश- सैल्मन, सार्डिन और मैकेरल जैसी फैटी मछलियाँ ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं, जो सूजन को कम करने और थायराइड फ़ंक्शन का समर्थन करने में मदद करती हैं. ये हेल्दी फैट्स हार्ट हेल्थ हेल्थ और मस्तिष्क के कार्य को भी बेहतर बनाते हैं.
डेयरी प्रोडक्ट्स- दही, दूध और पनीर जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स विटामिन डी, कैल्शियम और आयोडीन जैसे आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं. विटामिन डी इम्यूनिटी के लिए महत्वपूर्ण है और हाशिमोटो थायराइडटिस जैसी ऑटोइम्यून थायराइड कंडीशन्स को मैनेज करने में मदद करते हैं.
मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट के लिए पत्तेदार सब्जियां- मैग्नीशियम थायराइड हार्मोन उत्पादन और मेटाबॉलिज्म के लिए जरूरी है. पालक, केल और स्विस चार्ड जैसी पत्तेदार सब्जियां मैग्नीशियम, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ने में मदद करती हैं, जो थायराइड फ़ंक्शन को नेगेटिव रूप से प्रभावित कर सकता है.
आजतक लाइफस्टाइल डेस्क