Vitamin B12 Deficiency: क्या है विटामिन B12 का नॉर्मल लेवल? कमी होने पर दिखते हैं ये लक्षण, ना करें अनदेखा

शरीर में विटामिन बी 12 की कमी होने लगती है तो शरीर में काफी सारी समस्याएं होने लगती हैं. लंबे समय तक समस्याओं का इलाज नहीं किया जाए तो ये गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकते हैं. विटामिन बी 12 की कमी के संकेत क्या हैं और उनकी पहचान कैसे करें? इस बारे में भी जान लीजिए.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 8:12 AM IST

विटामिन बी12 को कोबालमीन भी कहा जाता है, एक आवश्यक पोषक तत्व है जो विभिन्न शारीरिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन, हेल्दी नर्वस सिस्टम के रखरखाव और डीएनए के काम के लिए आवश्यक है. क्योंकि हमारा शरीर खुद विटामिन बी12 का उत्पादन नहीं कर सकता है, इसलिए हमें इसे आहार के जरिए प्राप्त करना होता है.

क्या है विटामिन B12 का नॉर्मल लेवल ?

विटामिन बी 12 का लेवल 300pg/mL से ऊपर होना नॉर्मल माना जाता है. यह लेवल जब 200pg/mL से कम होता है तो इसे कम माना जाता है. विटामिन बी 12 का लेवल जब लगातार कम होता जाता है तो इसे विटामिन बी 12 की कमी के नाम से जाना जाता है. अगर समय पर इस समस्या का इलाज ना किया जाए तो इससे कई तरह की गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

 थकान और कमजोरी- विटामिन बी 12 की कमी का सबसे कॉमन और शुरुआती संकेत  थकान और कमजोरी है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि विटामिन बी 12 लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में काफी अहम भूमिका निभाता है, लाल रक्त कोशिकाएं ही ऑक्सीजन को पूरा शरीर में पहुंचाती हैं. शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं कम होने से, ऊतकों और अंगों को भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता, जिससे थकान और कमजोरी का सामना करना पड़ता है.

सोचने-समझने की क्षमता कम होना- दिमाग समेत नर्वस सिस्टम को स्वस्थ बनाए रखने के लिए विटामिन बी12 जरूरी माना जाता है. विटामिन बी 12 की कमी से व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता पर काफी बुरा असर पड़ता है. इसकी कमी के कारण ध्यान लगाने में कठिनाई, याददाश्त कमजोर होना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कई गंभीर मामलों में, विटामिन बी 12 की कमी के कारण डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन आदि समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है.

हाथ-पैरों में झनझनाहट और सुन्न पड़ना- विटामिन बी 12 की कमी का एक और बड़ा संकेत हाथ-पैरों में झनझनाहट और सुन्न पड़ना है. इस स्थिति को पेरिफेरल न्यूरोपैथी  कहा जाता है. यह समस्या इसलिए होती है क्योंकि विटामिन बी 12 की कमी के कारण नसों के आसपास जमी माइलिन की परत डैमेज हो जाती है. नतीजतन,  नसों को अच्छी तरह के सिग्नल नहीं मिल पाता, जिससे हाथ-पैरों में झनझनाहट, सुन्न पड़ना और जलन की समस्या होती है. समय के साथ यह समस्या काफी ज्यादा बढ़ सकती है. जैसे मांसपेशियों में कमजोरी और संतुलन में कमी.

मुंह में होने वाली दिक्कतें-  विटामिन बी12 की कमी से मुंह की समस्याएं भी हो सकती हैं जिससे आपके मुंह में छाले, घाव, जीभ में सूजन और जीभ एक दम सुर्ख लाल हो सकती है. जीभ में सूजन को ग्लॉसिटिस कहते हैं जो विटामिन बी 12 की कमी का प्रमुख संकेत हैं. इसकी वजह से व्यक्ति को एनीमिया हो जाता है और मुंह में छाले जैसे लक्षण पैदा होने लगते हैं.

पीली त्वचा- शरीर में विटामिन बी 12 की कमी होने पर त्वचा का रंग पीला हो जाता है. आयरन की कमी वाले एनीमिया नामक स्थिति की तरह विटामिन बी 12 की कमी से लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है और त्वचा का रंग पीला हो जाता है. विटामिन बी 12 की कमी से पीलिया भी हो सकता है और त्वचा के साथ आंखें भी पीली हो सकती हैं. त्वचा और आंख का पीला रंग वेस्ट प्रोडक्ट बिलीरुबिन (Bilirubin) के हाई लेवल के कारण होता है. बिलीरुबिन तब बनता है जब लाल रक्त कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं. 

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