दुनिया भर में पिछले कुछ समय से लॉन्गिटिविटी पर खूब बातें हो रही हैं. भारत में भी हाऊ टू लिव लॉन्ग लाइफ मुद्दा ट्रेंड पर है. वास्तव में ज्यादातर लोग लंबे समय तक जीना चाहते हैं लेकिन वो यह नहीं जानते हैं कि लंबे समय तक कैसे जिया जाए. देश के मशहूर हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर नरेश त्रेहान ने लोगों का यह कन्फ्यूजन दूर किया है.
शनिवार को दिल्ली के ली मेरिडियन होटेल में हुए एजेंडा आजतक 2024 के दूसरे दिन 'दिल, जिगर, जान' सेशन में जाने-माने लिवर स्पेशलिस्ट डॉक्टर एस. के. सरीन और मेदांता हॉस्पिटल के अध्यक्ष और मशहूर हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर नरेश त्रेहान शामिल हुए थे जहां उन्होंने लॉन्गिटिविटी, हेल्थ, डाइट और लाइफस्टाइल समेत कई मुद्दों पर बात की.
लंबी उम्र और यूथफुलनेस कैसे बढ़ाएं
सेशन के दौरान जब एंकर स्नेहा मोरदानी ने डॉक्टर त्रेहान से सवाल किया कि आजकल लॉन्जविटी पर खूब बात हो रही है. ठंडे पानी से मुंह धोना, ठंडे पानी की बाल्टी में कूदना, इंफ्रा रेड, ब्लू-रेड लाइट थेरेपी, डेथ को डिफीट करना, अमेरिकन बिजनसमैन ब्रायन जॉन्सन लंबी उम्र जीने के लिए अपने बेटे के प्लेटेलेट्स खुद इंजेक्ट कर रहे हैं. आप क्या कहना चाहेंगे कि ये कितना सही और गलत है?
इस पर डॉक्टर त्रेहान कहते हैं, 'मैं एक छोटी सा जोक सुनाना चाहता हूं कि एक आदमी डॉक्टर के पास गया और बोला मुझे 100 साल जीना है, इसके लिए मैं क्या करूं तो वो बोला रोज रात को 9 बजे सो जाओ, मीट, शराब, सेक्स छोड़ दो, बेकार के म्यूजिक सुनना बंद कर दो. इस पर उस आदमी ने पूछा कि क्या ये सब करने से मैं 100 साल तक जी सकूंगा तो उस डॉक्टर ने कहा कि मैं ये गारंटी तो नहीं ले सकता पर आपको ऐसा लगेगा जरूर कि 100 साल हो गए. कहने का मतलब है कि लाइफ जीनी है लेकिन जिंदादिली से, उसे एन्जॉय करना है. सब-कुछ कीजिए लेकिन मॉर्डेशन में.
फेक मैसेजेस से बचकर रहें
वो कहते हैं, 'AI की जो जनरेशन है वो बहुत खतरनाक है. मैं खुद इसका विक्टिम हूं. सोशल मीडिया पर मेरे नाम से भी कई ऐसे मॉडिफाई वीडियो डाल दिए जाते हैं जिनमें बताते हैं कि ऐसा करने से वैसा होगा. ये खाने वो फायदे मिलेंगे. इन पर भरोसा ना करें. इंफ्लुएंसर्स से बचें. सब फेक हैं. सब-कुछ खाएं लेकिन मॉर्डेशन में खाएं. मैं दिल से जीता हूं. हम सभी को दिल से जीना चाहिए. खाने-पीने का स्ट्रेस ना पालें. हफ्ते में 4 से पांच बार एक्सरसाइज करें.'
शरीर के साथ प्रयोग विनाशकारी
उन्होंने आगे कहा, 'मैं बताना चाहता हूं कि आयुर्वेदा में पंच कर्मा है जो सबसे बेस्ट तरीका है Rejuvination का (फिर से जवान होना). साल में एक बार पंच कर्मा पद्धति करके आप अपने शरीर को डिटॉक्स कर सकते हैं. ये लाइफ को जीने के लिए बढ़िया है. ब्रायन जॉन्सन क्या कह रहे हैं या बाकी लोग क्या कह रहे हैं, ये सभी चीजें डिसास्टरस (विनाशकारी हैं). लोगों को पैसा बनाना है, उन्हें इन चीजों का प्रचार करना है. इनका कोई सेंस नहीं है. मैंने और डॉक्टर सरीन ने जो कहा कि खुश रहना ही जरूरी है.'
आयुर्वेद जिंदगी जीने का बेस्ट तरीका
डॉक्टर त्रेहान से सहमत होते हुए डॉक्टर सरीन कहते हैं, 'आयुर्वेदा में जो आयु है...जिंदगी है और वेदा साइंस है. आयुर्वेदा का मतलब आयुर्वेदेकि दवाई लेना नहीं है. इसका मतलब है कि आपकी दिनचर्या कैसी है. आप सुबह कैसे और कब उठते हैं और अपना दिन कैसे जीते हैं. आयुर्वेदा जिंदगी जीने का बहुत अच्छा तरीका है जिसे हमने भुला दिया है.'
वो आगे कहते हैं, 'हम देर से उठते हैं, देर से सोते हैं. हेल्दी चीजें नहीं खाते हैं. लोग कई बार 8 से 10 बार खा लेते हैं, जबकि खाने का टाइम होता है और उसी अनुसार आपके हार्मोन्स काम करते हैं. आपके ब्रेकफास्ट का टाइम है, लंच का टाइम है और डिनर का टाइम है. इनके बीच आप छोटे हेल्दी स्नैक्स खा सकते हैं लेकिन लगातार बार-बार नहीं खाना है. अपने पेट और हार्मोन्स को दिन में आराम करने दें और सबसे जरूरी चीज है कि अगर कोई ज्यादा खाता है तो आसपास के लोगों जैसे घरवालों और टीचरों की जिम्मेदारी है कि उसे टोकें.'
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