बारिश के मौसम में चिपचिप होने लगती है स्किन, ये ट्रिक्स आजमाएंगे तो दिखेंगी फ्रेश

मानसून का मौसम यूं तो हर किसी को बहुत भाता है लेकिन ये आपकी स्किन और सुंदरता के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होता है. इस मौसम में आपके चेहरे पर एक्ने और मुंहासे होने की संभावना रहती है इसलिए आपको इस दौरान कुछ खास तरह से अपनी स्किन का ख्याल रखना चाहिए.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 7:38 PM IST

मानसून अपने साथ झमा-झम बारिश और गर्मी से राहत लेकर आता है. लेकिन यह आपकी त्वचा के लिए नई चुनौतियां भी लाता है. मौसम में बढ़ी हुई नमी अचानक आपके चेहरे को मुहांसों से भर सकती है. इससे आमतौर पर आपकी त्वचा चिपचिपी, ऑयली और बेजान हो सकती है. हालांकि अपनी रोज की लाइफस्टाइल और स्किनकेयर में कुछ बदलाव करके आप इस बरसात के मौसम में अपनी त्वचा की सेहत का ध्यान रख सकते हैं.

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हिंदुस्तान टाइम्स के साथ बातचीत में एरिसिया स्किन क्लिनिक की क्लिनिकल और मेडिकल डायरेक्टर, डॉ. गगन रैना ने मानसून के दौरान बढ़ी हुई नमी से निपटने और मुहांसे रोकने के लिए स्किनकेयर और हेयरकेटर रूटीन में बदलाव लाने पर जोर दिया.

माइल्ड क्लींजर का करें इस्तेमाल

मानसून के दौरान अत्यधिक नमी से त्वचा पर पसीना आता है, इससे सीबम ब्लॉकेज और रोमछिद्र बंद भी हो सकते हैं. इसलिए दिन में दो बार माइल्ड क्लींजर का इस्तेमाल करें. यह त्वचा की स्किन को अच्छे से साफ करेगा और उसे कोमल बनाए रखते हुए अशुद्धियों को भी दूर करने में मदद करेगा. आप अपनी स्किन के लिए सल्फेट-फ्री फर्मूले वाला क्लींजर या फेसवॉश चुन सकते हैं.

एक्सफोलिएशन को न छोड़ें
नमी और मानसून में स्किन पर मृत त्वचा कोशिकाएं (डेड स्किन सेल्स) तेजी से जमा हो जाती हैं. इसलिए हफ्ते में 1-2 बार हल्का एक्सफोलिएशन करने से रूखापन और गंदगी को रोकने में मदद मिल सकती है. एंजाइम या लैक्टिक एसिड-बेस्ड एक्सफोलिएंट चुनें जो बिना जलन के त्वचा को साफ करने और मुलायम रखने में मदद करते हैं.

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हल्के हाइड्रेशन का इस्तेमाल करें

बारिश हो या फिर गर्मी अपनी स्किन का ख्याल रखने के लिए भूलकर भी उसे म्वॉइश्चराइज करना ना भूलें. इससे स्किन में नमी रहती है और वो सूखी नहीं होती है. मानसून में जेल बेस्ड और नॉन ग्रीसी म्वॉइश्चराइज का इस्तेमाल करें. इससे चेहरे पर पसीना नहीं आएगा और स्किन भी उसे अच्छे से एब्जॉर्ब कर लेगी.

सनस्क्रीन लगाना भी जरूरी
आसमान पर धूप नहीं हैं और बादल छाए हैं इसलिए सनस्क्रीन लगाना ना भूलें. बादल रहने पर भी यूवी किरणें रुकतीं नहीं  हैं. वास्तव में ये अप्रत्यक्ष रूप से और भी ज्यादा नुकसानदेह हो सकती हैं. इसलिए एक ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन चुनें जो हल्का, वॉटर रेसिस्टेंस और नॉन-कॉमेडोजेनिक हो.

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