भारतीयों में बढ़ती जा रही है इन 3 चीजों की कमी, आज से शुरू कर दें ये फूड खाना

हाल ही में एक स्टडी सामने आई है जिसमें यह खुलासा किया गया है कि भारत में रहने वाले हर पुरुष और महिला में आयरन, कैल्शियम और फोलेट की कमी पाई जाती है. तो आइए जानते हैं किन चीजों से आप इन 3 चीजों की कमी को पूरा कर सकते हैं.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:38 AM IST

हाल ही में लैंसेट की ओर से की गई एक स्टडी में भारत को लेकर कुछ चौंकाने वाली खबरें आई हैं. स्टडी में यह बात सामने आई है कि भारत में सभी एज ग्रुप की महिलाएं और पुरुष हेल्थ के लिए जरूरी माइक्रोन्यूट्रीएंट्स जैसे आयरन, कैल्शियम और फोलेट की अपर्याप्त मात्रा का सेवन कर रहे हैं.

आयरन, कैल्शियम और फोलेट शरीर के शारीरिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. आयरन शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन को पहुंचाने और एनर्जी का उत्पादन करने में मदद करता है, कैल्शियम हड्डियों और सेल्युलर फंक्शन के लिए जरूरी माना जाता है. वहीं, फोलेट डीएनए सिंथेसिस और कोशिका विभाजन के लिए जरूरी माना जाता है. इन तीनों की विटामिन की कमी को आप खाने के जरिए पूरा कर सकते हैं.

क्या हैं आयरन रिच-फूड्स?

आयरन हीमोग्लोबिन का एक मुख्य घटक है, जो लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला प्रोटीन होता है जो शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. आयरन दो रूपों में उपलब्ध होता है- हीम और नॉन-हीम. हीम आयरन पशु उत्पादों में पाया जाता है. इसमें शामिल हैं रेड मीट, सीफूड, पॉल्ट्री और ऑर्गन मीट जैसे लिवर और किडनी.

प्लांट-बेस्ड आयरन फूड्स- बीन्स, दालें, छोले इत्यादि नॉन-हीम आयरन के सबसे अच्छे सोर्स माने जाते हैं. इन्हें विटामिन सी से भरपूर चीजों जैसे टमाटर और खट्टे फ्रूट्स के साथ लेने से आयरन का अवशोषण अच्छी तरह से हो पाता है.

पत्तेदार सब्जियां- पालक, केल आदि हरी पत्तेदार सब्जियों में आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है. हालांकि इनमें ऐसे कंपाउंड्स भी होते हैं जो अवशोषण को रोक सकते हैं. इन सब्जियों को पकाने से इन अवरोधकों को कम किया जा सकता है.

नट्स और सीड्स- कद्दू के बीज, तिल के बीज और काजू नॉन-हीम आयरन का काफी अच्छे सोर्स माने जाते हैं.

क्या हैं कैल्शियम रिच फूड्स?

कैल्शियम को हमारे शरीर के लिए काफी ज्यादा जरूरी माना जाता है. यह हड्डियों के निर्माण और उन्हें मजबूत बनाने में मदद करता है. इसके साथ ही यह नर्व ट्रांसमिशन, मसल फंक्शन और ब्लड क्लॉटिंग में भी अहम भूमिका निभाता है. शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है जिसकी वजह से हड्डियां आसानी से टूटने लगती हैं और खोखली हो जाती हैं.

कैल्शियम के डेयरी सोर्स- फुल -लो फैट, स्कीम मिल्क कैल्शियम के काफी अच्छे सोर्स माने जाते हैं. इसके अलावा, दही में कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है, साथ ही इसमें प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पेट के लिए अच्छे माने जाते हैं. वहीं,  कई तरह की चीज़ में भी कैल्शियम की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है.

कैल्शियम के नॉन-डेयरी सोर्स- सोया उत्पादों जैसे टोफू और टेम्पेह प्लांट बेस्ड कैल्शियम के अच्छे सोर्स माने जाते हैं.

पत्तेदार सब्जियां- केल,  कोलार्ड ग्रीन्स और बॉक चोय खाने से कैल्शियम का अवशोषण सही तरीके से हो पाता है.

बादाम- बादाम में कैल्शियम के साथ ही हेल्दी फैट्स और फाइबर की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है.

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क्या हैं फोलेट रिच फूड्स?

फोलेट,  एक तरह का विटामिन-B होता है. यह डीएनए सिंथेसिस, कोशिका विभाजन और ब्रेन फंक्शनिंग के लिए जरूरी माना जाता है. प्रेग्नेंसी के दौरान फोलेट को काफी जरूरी माना जाता है. शरीर में फोलेट की कमी से एनीमिया, लाल रक्त कोशिकाओं में कमी की दिक्कत हो सकती है.

इन सब्जियों में होता है फोलेट-  हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, शलजम के पत्तों में फोलेट होता है. वहीं, ऐस्परैगस फोलेट के साथ ही, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन A,C,K भी होता है. ब्रोकली भी फोलेट का अच्छा सोर्स मानी जाती है.

इन फलों में होता है फोलेट- संतरा, नींबू और ग्रेपफ्रूट्स में फोलेट की भरपूर मात्रा पाई जाती है. इन फलों के साथ आप एवोकाडो का सेवन कर सकते हैं.

बींस- दालों और छोले में फोलेट की मात्रा काफी ज्यादा पाई जाती हैं.

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