डायबिटीज की समस्या काफी तेजी से बढ़ती जा रही है. डायबिटीज की समस्या तब होती है जब ब्लड में ग्लूकोज का लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाता है. इसे बैलेंस करने के लिए पैनक्रियाज एक हार्मोन रिलीज करता है जिसे इंसुलिन कहा जाता है. इंसुलिन ग्लूकोज को मेनटेन करने का काम करता है. लेकिन जब पैनक्रियाज से इंसुलिन सही से रिलीज नहीं हो पाता तो डायबिटीज की समस्या का सामना करना पड़ता है. डायबिटीज दो तरह का होता है टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज. टाइप 1 डायबिटीज में पैनक्रियाज बिल्कुल भी इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता. वहीं, टाइप 2 डायबिटीज में पैनक्रियाज काफी कम मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन काफी कम मात्रा में करता है.
डायबिटीज होने से पहले की स्थिति को प्री-डायबिटीक कहा जाता है. डायबिटीज पर चल रही सबसे बड़ी स्टडी के मुताबिक, अगर आप प्री- डायबिटीक हैं तो चावल और रोटी का सेवन ना करें और प्रोटीन इंटेक बढ़ाएं. इस तरीके से आप टाइप 2 डायबिटीज के खतरे से मुक्ति पा सकते हैं. स्टडी में यह सुझाव दिया गया है कि डाइट से मिलने वाली कुल ऊर्जा में कार्बोहाइड्रेट का हिस्सा 50 से 55 फीसदी कम करने और प्रोटीन इंटेक 20 फीसदी बढ़ाने से डायबिटीज और प्री-डायबिटीज की समस्या से बचा जा सकता है.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च इंडिया डायबिटीज की ये लेटेस्ट स्टडी 18,090 व्यक्तियों के खानपान में शामिल पोषक तत्वों के विश्लेषण पर आधारित है.
डाइट है सबसे अच्छी दवा-
डायबिटीज की समस्या भारत में काफी तेजी से बढ़ती जा रही है. मौजूदा समय में, भारत में डायबिटीज की समस्या से कुल 7.4 करोड़ लोग पीड़ित हैं. वहीं, 8 करोड़ लोग प्री-डायबिटिक हैं. साथ ही, लोग काफी तेजी से प्री-डायबिटीज से डायबिटीज में कंवर्ट हो रहे हैं. स्टडी के ऑथर, डॉ. वी मोहन ने कहा, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2045 में भारत में डायबिटीज के कुल 13.5 करोड़ मरीज होंगे. इसका मतलब है कि आने वाले 20 सालों में डायबिटीज के मरीजों की संख्या दोगुनी हो जाएगी. इसका सबसे बड़ा कारण हाई कार्बोहाइड्रेट युक्त डाइट का सेवन करना है.
उन्होंने कहा, हमारे कुल कैलोरी इंटेक का लगभग 60 से 75 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट के रूप में होता है और केवल 10 प्रतिशत में प्रोटीन होता है. हमने पहले कई स्टडीज में दिखाया है कि व्हाइट राइस के अत्यधिक सेवन से डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. गेहूं भी उतना ही खराब होता है. अब, अगर कोई व्यक्ति कार्बोहाइड्रेट इंटेक को 50 से 55 प्रतिशत तक कम करे और प्रोटीन इंटेक को 20 फीसदी बढ़ाए तो डायबिटीज की समस्या से राहत मिल सकती है.
डायबिटीज से छुटकारा पाने के लिए फूड रेसियो
डायबिटीज से छुटकारा पाने के लिए फूड अनुपात में कार्बोहाइड्रेट 49 से 54 फीसदी, प्रोटीन 19 से 20 फीसदी, फैट 21 से 26 फीसदी और डाइट्री फाइबर 5 से 6 फीसदी होना चाहिए. समान रिजल्ट पाने के लिए महिलाओं को पुरुषों की तुलना में दो फीसदी कार्बोहइड्रेट का सेवन कम करना चाहिए. इसी तरह, युवाओं के मुकाबले बुजुर्गों को कार्बोहाइड्रेट का सेवन 1 फीसदी कम करना चाहिए और प्रोटीन का सेवन 1 फीसदी ज्यादा करना चाहिए.
वहीं, प्री-डायबिटीज की समस्या से छुटकारा पाने के लिए, कार्बोहाइड्रेट का सेवन 50 से 56 फीसदी, प्रोटीन 10 से 20 फीसदी, फैट 21 से 27 फीसदी और डाइट्री फाइबर 3 से 5 फीसदी करना चाहिए. इसी के साथ ही स्टडी में सुझाव दिया गया कि जो लोग फिजिकली एक्टिव नहीं हैं वो एक्टिव लोगों की तुलना में कार्बोहाइड्रेट का 4 फीसदी कम सेवन करें.
कैसी होनी चाहिए आइडियल फूड प्लेट
तो एक आइडियल फूड प्लेट कैसी होना चाहिए? डॉ. मोहन ने कहा, आपकी प्लेट में आधी जगह सब्जियों के लिए होनी चाहिए इसमें हरी सब्जियों, बीन्स, पत्तागोभी, फूलगोभी को शामिल करें. ध्यान रहे कि आलू जैसे बहुत अधिक स्टार्च वाली चीजों को शामिल ना करें. वहीं, प्लेट के दूसरे हिस्से में प्रोटीन जैसे, मछली, चिकन और सोया को शामिल करें. वहीं थाली में थोड़ा सा चावल और दो चपाती रखें.
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