Gall bladder stone or gall stones: आज के समय में फैटी लिवर डिजीज को 'साइलेंट एपैडमिक' माना जाता है क्योंकि शुरुआत में इसके लक्षण का पता नहीं चलता. इसके लक्षण तब आने शुरू होते हैं जब बहुत ज्यादा कॉम्प्लिकेशन आने शुरू हो जाते है या फिर लिवर बहुत ज्यादा खराब हो जाता है. एक रिसर्च के अनुसार, पूरी दुनिया में 100 में से 38% एडल्ट को किसी न किसी तरह के फैटी लिवर डिजीज है. अगर इन लक्षणों को शुरुआत में ही पहचान कर इसका इलाज किया जाए तो काफी हद तक इसे कंट्रोल किया जा सकता है.
क्या सच में गॉल ब्लैडर स्टोन फैटी लिवर का पहला लक्षण है?
हां, बहुत हद तक गॉल ब्लैडर स्टोन का कनेक्शन फैटी लिवर से हैं. ऐसे में अगर गॉल ब्लैडर स्टोन का संकेत आता है तो ये बताता है कि आपका लिवर किसी परेशानी में हैं. कई रिसर्च में भी पता चला है कि जिन लोगों को गॉल ब्लैडर स्टोन है उन्हें फैटी लिवर होने की संभावना ज्यादा है.
गॉल ब्लैडर स्टोन और फैटी लिवर के बीच कनेक्शन क्या है
गॉल ब्लैडर स्टोन या तो कोलेस्ट्रॉल के बने होते हैं या फिर बिलीरुबिन के बने होते हैं. ये छोटे या बड़े हो सकते हैं. विज्ञान के अनुसार पूरी दुनिया के 20% एडल्ट गॉल ब्लैडर स्टोन का सामना करते हैं. इन लोगों में कोलेस्ट्रॉल हमेशा ज्यादा होते हैं.
स्टडी के अनुसार जिन्हें गॉल ब्लैडर स्टोन है उनमें फैटी लिवर होने की संभावना 3.3% है और जिन्हें गॉल ब्लैडर स्टोन नहीं है उनमें फैटी लिवर होने की संभावना 1% है. लेकिन ऐसा नहीं है कि गॉल ब्लैडर स्टोन के कारण ही फैटी लिवर होता है. लेकिन हां, गॉल ब्लैडर स्टोन हैं तो फैटी लिवर होने की संभावना बढ़ जाती है.
अगर लक्षणों की बात करें तो चाहे टाइप 2 डायबिटीज हो या इन्सुलिन या फिर मोटापा. ये मेटाबॉलिज्म इश्यू गॉल ब्लैडर स्टोन और फैटी लिवर दोनों का ही रिस्क बढ़ाते हैं.
आप इन दोनों को कम कैसे कर सकते हैं?
सबसे पहले आपको इंसुलिन रेजिस्टेंस को एड्रेस करने की जरूरत है और अगर आप मोटापे से परेशान है तो इसे कम करने की जरूरत है. इसके लिए आपको अपने लाइफस्टाइल का ध्यान रखना होगा. जितना हो सके फिजिकल एक्टिविटी करें.
इन सबके अलावा अपने डाइट का भी ख्याल रखें. एक हेल्दी डाइट के बिना सारी कोशिश बेकार है. अगर आप ज्यादा फास्ट फूड या बाहर का खाना खाते हैं तो आपमें स्टोन बनने की संभावना बढ़ जाएगी. वहीं अगर आप रेड मीट और ज्यादा फेट वाला खाना ज्यादा खाते हैं तो आपको गॉल ब्लैडर स्टोन और फैटी लिवर दोनों होने की संभावना है.
aajtak.in