क्या रोजाना बाल बनाते समय कंघी पर आपको बालों का गुच्छा नजर आता है? लाख कोशिशों के बाद भी आप हेयर फॉल की इस परेशानी से अगर नहीं निपट पा रहे हैं तो हम आपको कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी वजह से आपके बाल झड़ते हैं. हम आपको तीन ऐसी गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो हमारे बालों को नुकसान पहुंचाकर एक्सेस हेयर फॉल का कारण बन सकती हैं.
हार्श केमिकल बेस्ड शैंपू- सल्फेट युक्त शैंपू बालों के लिए नुकसानदायक साबित होते हैं. सल्फेट एक स्ट्रांग क्लीनिंग एजेंट है जो बालों और स्कैल्प से गंदगी और तेल को तो हटाता है, लेकिन इसके साथ-साथ बालों और स्कैल्प के नेचुरल ऑयल भी खत्म कर देता है. इससे बाल सूखे, कमजोर और ज्यादा टूटने लगते हैं. कई बार यह नए बालों की ग्रोथ को भी प्रभावित करता है. साइंस में भी सल्फेट के नुकसानों के बारे में बताया गया है. सल्फेट फ्री शैंपू सस्ते बिकते हैं और सल्फेट फ्री शैंपी महंगे बिकते हैं. बालों के ज्यादा झड़ने पर सल्फेट फ्री शैंपू का इस्तेमाल करना चाहिए. शैंपू के इंग्रेडिएंट्स के लेबल (जैसे सोडियम लॉरेल सल्फेट, एसएलएस, एसएलईएस) पढ़ कर पहचान किया जा सकता है कि कोई शैंपू सल्फेट युक्त है या नहीं. सल्फेट युक्त शैंपू से बचें और सल्फेट फ्री शैंपू का इस्तेमाल करें.
क्रैश डाइटिंग या तेजी से वजन घटाने वाली डाइट- आज के दौर में फिट रहने की होड़ में लोग काफी ज्यादा डाइटिंग करने लगते हैं. इससे शरीर पर बहुत स्ट्रेस पड़ता है. इसके कारण टेलोजन एफ्लुवियम नाम की कंडीशन होती है जिसमें बाल जल्दी रेस्टिंग फेज़ में चले जाते हैं और 2-3 महीने बाद अचानक बाल झड़ने लगते हैं. इसके अलावा, क्रैश डाइटिंग से प्रोटीन, आयरन, जिंक, विटामिन बी जैसी जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है जो बालों की ग्रोथ को कमजोर करती है. बॉडी में हार्मोनल इंबैलेंस भी होता है जो बाल झड़ने को बढ़ावा देता है. इसके लिए वजन कम करने के लिए हेल्दी और बैलेंस डाइट अपनाएं, जिसमें पोषण से भरपूर खाना शामिल हो और रेगुलर एक्सरसाइज करें. शॉर्टकट डाइटिंग से बचें क्योंकि यह लंबे समय तक टिकाऊ नहीं होती और बालों के साथ-साथ शरीर के लिए भी नुकसानदायक होती है.
सोशल मीडिया और मोबाइल का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल- ये सुनने में अजीब लग सकता है लेकिन लगातार सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है. लगातार “डूम स्क्रॉलिंग”, फोमो (फियर ऑफ मिसिंग आउट) और तुलना की भावना होती है जिससे क्रोनिक स्ट्रेस शरीर में बढ़ जाता है. यही स्ट्रेस हेयर फॉलिकल्स को प्रभावित करता है, जिससे नए बाल उगना बंद हो जाते हैं और पुराने बाल कमजोर होकर गिरने लगते हैं. इसलिए स्क्रीन टाइम को सीमित करना आवश्यक है.
आजतक लाइफस्टाइल डेस्क