भारत में लगभग 15 करोड़ से अधिक लोग अलग-अलग प्रकार तरह की गठिया बीमारी से पीड़ित हैं. आमतौर पर बुजर्गों को होने वाली ये बीमारी अब युवाओं को भी अपना शिकार बनाने लगी है. कई लोगों में गठिया की शुरुआत पैरों से होती है जबकि कई लोगों में ये बीमारी सबसे पहले हाथों से शुरू होती है. गठिया से पीड़ित व्यक्ति को हर दिन हाथों में दर्द, अकड़न और जोड़ों में सूजन का सामना करना पड़ता है. कई बार ये परेशानी हफ्तों से लेकर महीनों तक रहती है.
गठिया से पीड़ित मरीजों की हड्डियां गुजरते दिन के साथ इतनी कमजोर होती जाती हैं कि लोग रोजमर्रा के कामों को करने में भी दिक्कत का सामना करते हैं. इस बीमारी से बचने के लिए जरूरी है कि इसके शुरुआती लक्षणों का पता लगाकर पहले ही इसका इलाज शुरू कर दिया जाए. आज वर्ल्ड आर्थराइटिस डे 2022 पर हम आपको हाथ के गठिया के शुरुआती और बेहद महत्वपूर्ण संकेत के बारे में बताएंगे ताकि अगर आपको या आपके आसपास किसी के अंदर भी ये बीमारी पनप रही हो तो उसे पहले ही खत्म किया जा सके.
हाथों में ये बदलाव होते हैं गठिया की बीमारी के लक्षण
गठिया की शुरुआत में हाथों में दर्द महसूस होता है. इसके बाद धीरे-धीरे सुबह-शाम जोड़ों में अकड़न और सूजन जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं. हाथों को काम करने में भी दिक्कत होने लगती है. विशेषज्ञों का कहना है कि हड्डियों और जोड़ों को खराब होने से बचाने के लिए जरूरी है कि शुरुआत में ही इसका इलाज हो जाए.
हाथ में होने वाले गठिया के प्रकार
आपके हाथों को ऑस्टियोआर्थराइटिस, रुमेटीइड, सोरियाटिक आर्थराइटिस समेत कई प्रकार के गठिया प्रभावित कर सकते हैं और इन सबके लक्षण भी अलग-अलग होते हैं.
एक्सपर्ट का कहना है कि हाथ में ऑस्टियोआर्थराइटिस से जोड़ों में दर्द, अकड़न और कई प्रकार की दिक्कतें हो सकती हैं. यह आमतौर पर अंगूठे के जोड़ या उंगलियों के सबसे करीब के छोटे जोड़ों को प्रभावित करता है. रुमेटीइड गठिया एक सूजन की बीमारी है जो जोड़ों में सूजन का कारण बनती है. इससे जोड़ों में तेज दर्द और अकड़न होती है. यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें आपके शरीर की इम्यूनिटी खुद अपने हेल्दी टिश्यूज पर अटैक करती है. यह कलाई के छोटे जोड़ों और उंगलियों के जोड़ों को भी प्रभावित करती है.
सोरियाटिक आर्थराइटिस आपकी त्वचा (सोरायसिस) और जोड़ों पर हमला करता है. इस स्थिति में उंगलियों के जोड़ सूज जाते हैं और आपको जोड़ों में दर्द और जकड़न भी महसूस हो सकती है.
हाथ के गठिया से पीड़ित लोगों में शुरुआती लक्षणों में जोड़ों में अकड़न महसूस करना जो विशेष रूप से सुबह के समय होती है. प्रभावित अंग में तेज दर्द और सूजन भी हो जाती है. प्रभावित जोड़ के ऊपर की त्वचा लाल और सूजी हुई दिख सकती है.
हाथों में गठिया होने का रिस्क इन लोगों को ज्यादा
डॉक्टरों का कहना है कि 60 साल की उम्र से अधिक लोगों में हाथ में ऑस्टियोआर्थराइटिस होने का खतरा अधिक होता है. वहीं, 30 की उम्र क्रॉस करने के बाद लोगों में रूमेटोइड आर्थराइटिस विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है. हाथ या उंगली में चोट वाले लोगों को भी गठिया होने की आशंका अधिक होती है.
वृद्ध लोगों के हाथों में ऑस्टियो-आर्थराइटिस विकसित होने का खतरा अधिक होता है जो आमतौर पर 50 वर्ष की आयु के बाद रिपोर्ट किया जाता है. रुमेटीइड गठिया आमतौर पर 35 से 50 वर्ष की आयु के लोगों में सबसे पहले होता है. महिलाओं और अधिक वजन वाले लोगों को भी गठिया होने की अधिक संभावना होती है. यदि आपके हाथ में पहले कभी चोट लगी थी, आपके हाथ या उंगलियों में कोई जोड़ टूट गया है तो भी आपको गठिया होने का खतरा अधिक है. ये बीमारी जेनेटिकली भी ट्रांसफर होती है यानी अगर परिवार में अगर कोई गठिया से पीड़ित है तो आगे की पीढ़ी में भी ये बीमारी हो सकती है.
हाथ के गठिया की कैसे करें पहचान
हाथ के गठिया की पहचान के लिए आपके हाथ का एक्स-रे किया जाता है. एक्स-रे के जरिए बोन कार्टिलेज में हुए नुकसान का पता लगाया जाता है. रुमेटीइड गठिया की जांच के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है.
हाथ में होने वाले गठिया का इलाज
गठिया का इलाज उसके प्रकार, चरण, प्रभावित जोड़ों की संख्या, उम्र, गतिविधि के स्तर और प्रभावित हाथ (अगर आपके दाएं या फिर बाएं हाथ में गठिया हुआ है) पर निर्भर करता है. इसके इलाज में स्प्लिंटिंग/ब्रेसिंग, दवाएं (पैरासिटामोल) , नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स, डिजीज-मॉडिफाइंग एंटी-रूमेटिक ड्रग्स, कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स या इम्यूनोसप्रेसिव ड्रग जैसी कई दवाओं और ट्रीटमेंट का इस्तेमाल किया जाता है.
गठिया से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखें
गठिया से बचने के लिए हर एक व्यक्ति को पोषण से भरा संतुलित आहार लेना चाहिए. धूम्रपान से बचना चाहिए क्योंकि इससे गठिया का खतरा बढ़ जाता है. अगर कोई व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित हो गया है तो ऐसे व्यक्ति को अपनी जीवनशैली को बदलना होगा. गठिया से पीड़ित लोगों को मांसपेशियों को मजबूत और जोड़ों को लचीला बनाए रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम भी करना चाहिए.
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