कोरोना टेस्ट की क्या है प्रक्रिया, जांच रिपोर्ट आने में कितना लगता है समय?

क्या आप जानते हैं भारत में कोरोना टेस्ट की प्रकिया क्या है? इसमें कितना समय लगता है? और आईसीएमआर के तहत भारत में कौन सी टेस्ट किट का इस्तेमाल किया जा रहा है?

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भारत में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 3 लाख 40 हजार के पार हो गया है. भारत में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 3 लाख 40 हजार के पार हो गया है.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 जून 2020,
  • अपडेटेड 8:08 AM IST

भारत में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 3 लाख 40 हजार के पार हो गया है. इस महामारी से उबरने के लिए सरकार रोजाना ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करने पर जोर दे रही है. एक्सपर्ट मानते हैं कि वैक्सीन ना बनने तक कोरोना से बचाव का यही एक तरीका है. आइए इसी कड़ी में आपको बताते हैं कि भारत में कोरोना टेस्ट की प्रकिया क्या है? इसमें कितना समय लगता है? और ICMR के तहत भारत में कौन सी टेस्ट किट का इस्तेमाल किया जा रहा है.

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कैसे होती है कोरोना की जांच?

डॉक्टर्स के मुताबिक, नाक और गले के पिछले हिस्से दो ऐसी जगहें हैं जहां वायरस के मौजूद होने की संभावना ज्यादा होती हैं. स्वैब के जरिए इन्हीं कोशिकाओं को उठाया जाता है. स्वैब को ऐसे सॉल्यूशन में डाला जाता है जिनसे कोशिकाएं रिलीज होती हैं. स्वैब टेस्ट का इस्तेमाल सैंपल में मिले जेनेटिक मैटेरियल को कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड से मिलाने में किया जाता है.

रिपोर्ट आने में कितना समय लगता है?

ICMR के मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस प्रकिया में पहले 6 घंटे का समय लगता था, लेकिन रियल टाइम पीसीआर ने नमूनों का परीक्षण करने में लगने वाले समय को 4 घंटे तक कम कर दिया है.

हालांकि टेस्ट की पूरी प्रक्रिया में कुल मिलाकर सैंपल लेने और रिपोर्ट देने तक में लगने वाला समय लगभग 24 घंटे है. कभी-कभी ये उससे कम या ज्यादा भी हो सकता है. यहां तक कि प्राइवेट लैब्स भी टेस्ट के बाद रिपोर्ट देने में इतना ही समय लगा रही हैं.

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कौन सी किट से हो रहे कोरोना के टेस्ट?

ICMR के मुताबिक, स्टैंडर्ड क्यू कोविड-19 एजी डिटेक्शन किट, ह्यूमन आईजीजी एलिसा, एबचेक कोविड-19 एचजीएम, एलजीएम डिटेक्शन किट, मेकश्योर कोविड-19 रेपिड टेस्ट और इम्यूनो क्विक रैपिड टेस्ट फॉर डिटेक्शन ऑफ कोरोना वायरस जैसी टेस्ट किटों का इस्तेमाल किया जा रहा है. हाल ही में ICMR ने दक्षिण कोरिया की स्टैंडर्ड क्यू कोविड-19 एंटीजन डिटेक्शन किट से जांच की मंजूरी दी है.

कितने रुपये में हो रहे टेस्ट?

आईसीएमआर ने जो कीमत तय की हैं उसके हिसाब से RT-PCR टेस्ट की कीमत 740-1150 के बीच और रैपिड टेस्ट की कीमत 528-795 रखी गई है. हालांकि भारत में कुछ प्राइवेट लैब्स इसके लिए 4,500 रुपये तक भी चार्ज कर रही हैं, ऐसी भी खबरें सामने आई हैं.

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