>चिंटू- WhatsApp और Facebook छोटे बच्चों के diaper की तरह होते हैं…
हुआ चाहे कुछ भी न हो, फिर भी हर 5 मिनट में एक बार चेक करना ही पड़ता है.
> दो दोस्त आपस में बात कर रहे थे...
टोलू- एक लॉजिक मैं आज तक समझ नहीं पाया.
पोलू- क्या?
टोलू- धीरे बोलो दीवारों के भी कान होते हैं. मान लो कान होते भी हैं तो जुबान तो नहीं होती ना... सुन भी लिया तो किसी को कैसे बताएंगे.
> बॉस - छुट्टी क्यों चाहिए तुम्हें?
एम्प्लॉई - सर लेकर देखनी है... कैसी लगती है?
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> मरीज - मुझे बीमारी है कि खाने के बाद भूख नहीं लगती,
सोने के बाद नींद नहीं आती, काम करूं तो थक जाता हूं
डॉक्टर - बहुत गंभीर बीमारी है, एक काम करो,
सारी रात धूप में बैठो जल्दी ठीक हो जाओगे.
> एक बार सोनू ट्रेन में सफर कर रहा था.
ट्रेन में बहुत भीड़ होने की वजह से वो एक गंजे आदमी की गोद में बैठ गया.
आदमी (गुस्से में) - हां, हां! मेरे सिर पर आकर बैठा जा.
सोनू - नहीं, अंकल मैं यहीं ठीक हूं,
वहां से फिसल कर गिरने का डर है.
(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य बिल्कुल भी नहीं है).
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