Latest Funny Jokes and Chutkule: हंसना सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर या अवसाद से पीड़ित लोगों की मदद कर सकता है. इंटरनेशनल पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि हंसी थेरेपी बुजुर्ग लोगों में अवसाद को कम कर सकती है. हंसना तनाव-संबंधी हार्मोन के स्तर को कम करके उनको अच्छे हार्मोन के साथ बदल देता है. इसका मतलब है कि हंसना मन की एक सकारात्मक स्थिति बनाता है और जब किसी व्यक्ति का जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण होता है, तो निराशा और निराशा की भावनाओं का शिकार होने का मौका कम ही मिलता है. आइए चलते हैं हंसी के सफर पर...
> एक औरत अपनी कुछ परेशानियों को लेकर एक बाबा के डेरे में पहुंची.
बाबा ने सारी परेशानियों को बड़े गौर से सुना.
फिर बोले बेटी... इसका हल निकल जाएगा, सब ठीक हो जाएगा...
लेकिन इसके लिए कुछ खर्च आएगा.
औरत ने पूछा - कितना खर्च आएगा...?
बाबा - तुमसे मैं ज्यादा तो नहीं ले सकता...
लेकिन पुराणों के अनुसार हमारे कुल 33 करोड़ देवी देवता हैं,
बस सबके नाम से एक-एक पैसा दान कर देना.
औरत ने मन ही मन कैलकुलेट किया तो
बाबा के हिसाब से कुल खर्च 33 लाख रुपये आता था...
औरत भी चालाक थी.
उसने कहा ठीक है बाबाजी,
आप बारी-बारी से सबका नाम लीजिए,
मैं एक-एक पैसा रखते जाऊंगी.
बाबा डेरे में अभी भी बेहोश हैं...!
> देश की सबसे बड़ी अंधश्रद्धा...
शादी कर दो,
लड़का सुधर जाएगा...!
> महिला - बाबा, मेरे और मेरे पति के बीच प्रेम कम हो गया है...
कोई उपाय बताओ..!!!
बाबा - बेटा, शनिवार को फेसबुक और रविवार को व्हाटसएप का उपवास रखो,
पहले जैसा प्रेम आ जाएगा...!!
> दादी को गीता पढ़ते देख पोते ने अपनी मां से पूछा...!
मां दादी कौन सी परीक्षा की तैयारी कर रही हैं...?
मां - बेटा ये फाइनल ईयर की तैयारी कर रही हैं...!
> सोहन समोसे को खोलकर
अंदर का मसाला ही खा रहा था.
संजू- अरे! तू पूरा समोसा क्यों नहीं खा रहा...?
सोहन- अरे मैं बीमार हूं ना...
(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा... गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य बिल्कुल भी नहीं है)
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