भारतीय राजनीति का ये 'अंतरात्मा' काल है. यहां अंतरात्मा की आवाज पर सरकारें बदल जाती हैं, तो नेता-विधायक पलटी मार जाते हैं. ये भाजपा का ही कमाल है कि दूसरी पार्टी का विधायक अंतरात्मा की आवाज पर सत्ता में विराजमान पार्टी को वोट देता है. इस दौर-ए-सियासत में निश्चित तौर पर अंतरात्मा, पार्टी, विचारधारा पर भारी नजर आती है.