मध्य प्रदेश के जबलपुर में 350 किलो चांदी के रथ पर सवार होकर जब नुनहाई वाली माता शहर भ्रमण पर निकलीं तो उन्हें देखने के लिए भक्तों का तांता लग गया. नुनहाई माता का रथ ही 350 किलो से तैयार नहीं किया गया है बल्कि उनकी प्रतिमा को भी करोड़ों के जेवरों से सजाया और संवारा गया. इस रथ की चमक ऐसी थी कि हर किसी का ध्यान बरबस ही उस पर जाकर टिक गया. जयपुर के कुशल कारीगरों ने 6 महीने की कड़ी मेहनत के बाद इस रथ को तैयार किया. नगर सेठानी के नाम से मशहूर नुनहाई की दुर्गा प्रतिमा को देखने देशभर से श्रद्धालु शहर पहुंचते हैं. ऐसी मान्यता है कि इनके दरबार पर अर्जी लगाने के बाद भक्त की हर मनोकामना पूरी हो जाती है और वे सोना, चांदी और हीरे जवाहरात की भेंट अर्पित कर मां नुनहाई के प्रति अपनी श्रद्धा जाहिर करते हैं.