वाराणसी के माफिया विरोधी मंच के अध्यक्ष सुधीर सिंह ने माफिया डॉन और विधायक मुख्तार अंसारी की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के पास आवेदन दिया है. सुधीर सिंह के मुताबिक अगर कोई विधायक सदन की कार्यवाही के दौरान लगातार गैरहाजिर रहता है तो उसकी सदस्यता रद्द होनी चाहिए.
उन्होंने याचिका पत्र में कहा है कि विधानसभा के किसी भी सत्र या संवैधानिक चर्चा में वह शामिल नहीं हो रहे हैं. भारतीय संविधान के अनुसार अगर कोई विधायक लगातार 60 दिन तक सत्र में अनुपस्थित रहता है तो उसकी सदस्यता रद्द करने का प्रावधान है. इसलिए अंसारी की सदस्यता भी रद्द होनी चाहिए.
सुधीर सिंह बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील अशोक पांडेय के साथ विधानसभा अध्यक्ष से मिलने पहुंचे थे. स्पीकर को दी गई याचिका में सुधीर सिंह ने कहा है कि विधायक मुख्तार अंसारी विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद साढ़े तीन साल से लगातार विधानसभा में अनुपस्थित रहे हैं. ऐसे में वो अपने विधानसभा की जनता के साथ न्याय नहीं कर पा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की मऊ सदर की सीट पर विकास का कोई काम भी नहीं हो रहा है. इसीलिए भारतीय संविधान की धारा 190 (4) के तहत मुख्तार अंसारी की विधानसभा की सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाए और इस सीट को रिक्त घोषित किया जाए.
मुख्तार अंसारी पिछले 10 वर्षों से जेल में हैं. वर्तमान में पंजाब के रोपड़ जेल में बंद हैं. जाहिर है मुख्तार अंसारी के करीबी पहले से ही योगी सरकार के निशाने पर हैं. यूपी पुलिस मुख्तार के दर्जन भर से अधिक करीबियों की करोड़ों की संपत्ति जब्त कर चुकी है.
अभिषेक मिश्रा