प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो बाल गृह पर सवाल खड़े कर रही है. दरअसल, राजकीय बाल गृह में लड़कों से टॉयलेट साफ कराने का एक वीडियो सोमवार को वायरल हुआ. जिसमें बाल गृह में लड़के टॉयलेट साफ करते, बर्तन साफ करते, रोटियां सेंकते, झाड़ू लगाते दिखाई दे रहे हैं.
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के रामनगर स्थित राजकीय बाल गृह के वायरल वीडियो को देखकर मानवता एक बार फिर शर्मसार हुई है. वायरल वीडियो के मुताबिक घर से बेघर बाल गृह में रह रहे किशोरों से टॉयलेट साफ कराने और जूठे बर्तन साफ कराने से लेकर सभी काम कराए जा रहे हैं. वीडियो वायरल होने पर वाराणसी प्रशासन मामले की जांच की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहा है.
बच्चों के हाथों में रोटी सेंकने वाला चिमटा है या फिर सफाई करने के लिए झाड़ू. इतना ही नहीं मैदान की सफाई से लेकर कूड़े को फेंकने तक की जिम्मेदारी बच्चों की है. हद तो तब हो गई जब परिसर के पम्पिंग रूम में लगे बिस्तर पर एक किशोर से पैर दबवाए जा रहे हैं.
हालांकि ऐसा नहीं है कि बालगृह में इन सभी कामों के लिए स्टाफ नहीं है. बालगृह में रह रहे किशोरों की मानें तो उनको कुछ काम अपने करने पड़ते हैं, जिसमें उनको कोई हर्ज नहीं है. जैसे साफ-सफाई, खाना बनाना और बागबानी वह खुद करते हैं.
रामनगर स्थित राजकीय बाल गृह में 2017 में प्रभारी अधीक्षक के रूप में काम देखने वाले शख्स ने बताया कि बच्चों के लिए घरेलू सारी व्यवस्थाएं हैं. पढ़ाई के लिए टीचर नियुक्त हैं. उन्होंने बताया कि इतना बड़ा कैंपस है, उसके साफ सफाई के लिए जितने सफाई कर्मचारी चाहिए उतने लोग नहीं हैं. यहां केवल एक सफाई कर्मचारी है जो इतने बड़े कैंपस को अकेले संभालता है उन्होंने भी इस बात को माना कि बच्चों से काम करवाया जाता है.
वाराणसी जिला प्रशासन के मुताबिक वीडियो संज्ञान में आया है. इसकी पूरी जांच के बाद कमेटी का गठन करके पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी. अगर, यह सभी बातें सच निकलती हैं तो उसपर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी. बालगृह में अभी अधीक्षक और सहायक अधीक्षक की पोस्टिंग नहीं है. जो खेल अधिकारी के तौर पर नियुक्त हैं, वही केयरटेकर या प्रभारी अधीक्षक का काम कर रहे हैं. वाराणसी जिला प्रशासन के मुताबिक स्टाफ की कोई कमी नहीं है. खाना बनाने के लिए पर्याप्त लोग हैं. वीडियो की सत्यता की जांच होने के बाद एक्शन लिया जाएगा.
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