बिना परीक्षा दिए रिजल्ट फर्स्ट क्लास, उच्च शिक्षा का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा

आखिर कैसे इसका जवाब खुद श्री राम सिंह गुलेरिया महाविद्यालय के प्राचार्य के पास भी नहीं है. उनका कहना है कि हमने तो अनुपस्थित छात्रों की पूरी रिपोर्ट यूनिवर्सिटी को भेज दी थी, अब यूनिवर्सिटी जाने की अनुपस्थित छात्र कैसे पास हो गए.

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उच्च शिक्षा में फर्जीवाड़ा (प्रतीकात्मक फोटो) उच्च शिक्षा में फर्जीवाड़ा (प्रतीकात्मक फोटो)

aajtak.in

  • अयोध्या ,
  • 27 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 1:39 PM IST

  • इस यूनिवर्सिटी में सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा
  • एग्जाम सेंटर ने छात्रों को बताया गैरहाजिर
  • यूनिवर्सिटी ने किया फर्स्ट डिवीजन पास

उत्तर प्रदेश की एक ऐसी यूनिवर्सिटी जहां छात्र परीक्षा में शामिल नहीं होते लेकिन फिर भी फर्स्ट डिविजन से पास होते हैं. ऐसे एक-दो या 10-12 नहीं पचासों नाम हैं, जो एमएससी केमिस्ट्री या एमएससी फिजिक्स या एमएससी जूलॉजी कि किसी न किसी पेपर में शामिल ही नहीं हुए, लेकिन फिर भी फर्स्ट डिविजन से पास हुए. ये हाल अयोध्या की राममनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी में है. यहां चौंकाने वाला खुलासा एक आरटीआई से सामने आया है.

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राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी से संबद्ध अयोध्या के श्री राम जानकी महाविद्यालय, रामनगर, अमावा सूफी में एडमिशन लेने वाले एमएससी फाइनल ईयर के छात्रों का सेंटर 2018-2019 के सत्र में यूनिवर्सिटी से ही संबद्ध एक और कॉलेज श्री राम सिंह गुलेरिया महाविद्यालय में गया था. हैरत की बात यह है कि फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी, बॉटनी, गणित जैसे विषय में जिन छात्रों को एग्जामिनेशन सेंटर यानी श्री राम सिंह गुलेरिया महाविद्यालय ने अनुपस्थित बताया है, वे सभी छात्र राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी से फर्स्ट डिवीजन से पास हो गए.

अब सवाल यह उठता है कि आखिर कैसे इसका जवाब खुद श्री राम सिंह गुलेरिया महाविद्यालय के प्राचार्य के पास भी नहीं है. उनका कहना है कि हमने तो अनुपस्थित छात्रों की पूरी रिपोर्ट यूनिवर्सिटी को भेज दी थी, अब यूनिवर्सिटी जाने की अनुपस्थित छात्र कैसे पास हो गए.

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बिना परीक्षा फर्स्ट डिविजन से पास

अब सबसे बड़ा सवाल उठ खड़ा होता है कि जब एक महाविद्यालय में एमएससी फाइनल ईयर जैसे एक क्लास में दर्जनों छात्र बिना परीक्षा दिए फर्स्ट डिविजन से पास हो गए, तो बाकी क्लास का क्या हाल होगा? क्या यह संभव नहीं कि राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी से संबद्ध कुछ अन्य महाविद्यालयों में भी यही हाल हो.

बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता और अयोध्या के मिल्कीपुर क्षेत्र के रहने वाले पवन कुमार पांडे ने राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी से 2018-19 सत्र में श्री राम जानकी महाविद्यालय में अध्ययनरत एमएससी सेकंड ईयर के कितने छात्र परीक्षा में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी, बॉटनी, गणित जैसे विषय में अनुपस्थित रहे इस बाबत जन सूचना मांगी.

इसके जवाब में विश्वविद्यालय ने उक्त जानकारी एग्जामिनेशन सेंटर से प्राप्त करने को कहा. इसके बाद जब यह सूचना एग्जामिनेशन सेंटर श्री राम सिंह गुलेरिया महाविद्यालय से मांगी गई, तो उन्होंने जो जानकारी मुहैया कराई. उसी ने इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा किया.

हर संभव कार्रवाई की बात

डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी के उप कुलसचिव विनय कुमार सिंह जिनके जिम्मे परीक्षा की जिम्मेदारी भी है, को श्री राम सिंह गुलेरिया महाविद्यालय द्वारा आरटीआई के जवाब में दिए गए छात्रों के रोल नंबर सहित अनुपस्थित होने के कागजात दिखाएं और यह भी दिखाया कि उन्हीं अनुपस्थित छात्रों को यूनिवर्सिटी ने फर्स्ट डिवीजन में पास किया है और उनकी मार्कशीट अपनी वेबसाइट पर अपलोड भी की है, तो वे भी आश्चर्यचकित रह गए और उन्होंने इस पूरे मामले के लिए जांच टीम बनाए जाने और हर संभव कार्रवाई करने की बात की.

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वहीं, इस खुलासे के बाद आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने इसे यूनिवर्सिटी और शिक्षा माफियाओं का गठजोड़ बताया. उन्होंने यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से इस पूरे मामले की हाईकोर्ट की निगरानी में या हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से जांच कराने की मांग की.

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