जांच में तेजी लाने के लिए सीएम योगी ने 30 टेस्टिंग लैब भी स्थापित करने के निर्देश दिए हैं. जब उत्तर प्रदेश में कोरोना का पहला केस सामने आया था, तब केवल केजीएमयू में ही 50 टेस्ट हर दिन की व्यवस्था की गई थी.
सीएम ने निर्देश दिया है कि हर जिले में वेंटिलेटर्स की पर्याप्त संख्या हो. हर जिले में लेबल-1 और लेबल-2 के कोविड अस्पताल चलाने के निर्देश दिए गए हैं. जब कोविड का पहला केस यूपी में सामने आया था तो राज्य के 46 जिलों में वेंटिलेटर की किल्लत थी. अब यूपी के नोएडा में वेंटिलेटर यूनिट बन गई है, जहां सस्ते दामों में पोर्टेबल वेंटिलेटर बनाए जा रहे हैं.
यूपी में कोविड-19 के 1 लाख बेड तैयार
यूपी में कोविड-19 के एक लाख बेड तैयार किए गए हैं. इनमें लेवल-1, 2 और 3 के अस्पताल भी शामिल हैं. जिला अस्पतालों में ही लेवल-1 और 2 की सुविधा वाले अस्पतालों को बनाया जा रहा है. लेवल 3 के कुल 25 अस्पताल यूपी में तैयार हो गए हैं.
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कोरोना के सामान्य मरीजों का इलाज लेवल 1 और 2 के अस्पतालों में होता है. जब स्थिति खराब हो जाती है तो उन्हें लेवल-3 के अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है. लेवल 2 के अस्पतालों में बेड पर वेंटिलेटर की व्यवस्था कराई जा रही है. लेवल 3 के अस्पतालों में वेंटिलेटर, आईसीयू, डायलिसिस की व्यवस्था भी कराई गई है.
यूपी में कोविड-19 के 7,445 मरीज
यूपी में लॉकडाउन के बावजूद कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं. कोरोना से संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 7,445 हो गई है. कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों की संख्या 2,834 है, वहीं अब तक 201 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है. इलाज के बाद 4,410 मरीज कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके हैं.
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नीलांशु शुक्ला