अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में 30 सितंबर को आएगा फैसला, आडवाणी-जोशी को रहना होगा मौजूद

इसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी), बजरंग दल के 90 के दशक के कई बड़े नेता शामिल रहे हैं. इनमें लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा सहित कई नामचीन लोग हैं.

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 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया गया था (फाइल फोटो) 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया गया था (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 16 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 5:44 PM IST
  • इस मामले में करीब 27 साल बाद फैसला आएगा
  • 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया गया
  • विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव फैसला सुनाएंगे

अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में 30 सितंबर को फैसला आएगा. इस मामले कि सुनवाई पूरी कर चुके विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव फैसला सुनाएंगे. सभी अभियुक्तों और गवाहों के बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से दर्जकर अदालत ने एक सितंबर को फैसला सुरक्षित रखा था. 

इसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी), बजरंग दल के 90 के दशक के कई बड़े नेता शामिल रहे हैं. इनमें लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा सहित कई नामचीन लोग हैं.    

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विशेष अदालत ने इन सभी को फैसला सुनने के लिए अदालत में मौजूद रहने को कहा है. संभवत: उनको वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी मौजूद रहने की छूट मिल जाए. बता दें कि इस मामले में करीब 27 साल बाद फैसला आने जा रहा है. 

गौरतलब है कि सीबीआई ने सुनवाई के दौरान 351 गवाह और लगभग 600 दस्तावेजी सबूत कोर्ट में पेश किए. इस मामले में सीबीआई ने 49 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी, जिसमें से 17 लोगों की मौत हो चुकी है. 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया गया था.
 

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