यूपी में जिला पंचायत चुनावों को लेकर भाजपा और बाकी विपक्षी पार्टियों के बीच में भारी प्रतिद्वंदता देखने को मिल रही है. ऐसे बहुत से जिले हैं जहां जिला अध्यक्ष पद के लिए खड़े विपक्षी पार्टियों के उम्मीदवार या उनके प्रस्तावक नामांकन करवाने के लिए पहुंच ही नहीं सके.
ऐसे मामलों में जहां सपा आरोप लगा रही है कि सत्ता और प्रशासन के दम पर भाजपा उसके प्रस्तावकों, प्रत्याशियों को नामांकन करने के लिए पहुंचने नहीं दे रही है, तो भाजपा का कहना है कि ये सब हारने की वजह से आरोप लगा रहे हैं.
बागपत
बागपत के जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बीजेपी और आरएलडी के बीच कांटे की टक्कर होने जा रही है. नामांकन शुरू होने से पहले ही आरएलडी की प्रत्याशी ममता जय किशोर ने बीजेपी जॉइन कर ली. जिसके बाद बीजेपी की प्रत्याशी बबली देवी ने कलक्ट्रेट पहुंचकर नामांकन कर दिया. लेकिन बीजेपी प्रत्याशी के नामांकन के बाद ही आरएलडी प्रत्याशी और उसका पति आरएलडी कार्यालय पहुंचे और प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बीजेपी जॉइन करने की बात का खंडन किया.
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव: गोरखपुर से नामांकन नहीं कर पाए SP उम्मीदवार, पार्टी बोली- किया गया अपहरण
आरएलडी प्रत्याशी के पति ने बागपत के सांसद सत्यपाल सिंह पर उनका अपहरण कराने और जबरन बीजेपी जॉइन कराने का आरोप लगाया है. इसके बाद आरएलडी कार्यकर्ता, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी के प्रस्तावकों के साथ कलक्ट्रेट पहुंचे और ममता जय किशोर का जिला अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करवाया.
मुरादाबाद
मुरादाबाद में भाजपा की प्रत्याशी डॉ. शेफाली निर्विरोध ही जीतने के करीब हैं क्योंकि वहां सपा से जिला अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार अमरीन का प्रस्तावक सपा कार्यालय ही नहीं पहुंचा. सपा जिला अध्यक्ष जयवीर यादव ने प्रशासन के ऊपर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. साथ ही ये भी कहा है जिन सपा पदाधिकारियों ने इस मामले में बगावत की है उन पर कार्रवाई की जाएगी.
सपा उम्मीदवार के नामांकन दाखिल न होने पर सपा जिलाध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा है ''प्रशासन द्वारा सपा के पंचायत सदस्यों का उत्पीड़न किया गया है, सत्ता के दबाव में पुलिस ने मुकदमें दर्ज कर उनके कारोबारों को सील किया. हमारे पंचायत सदस्यों को लालच देकर खरीदा गया और आज प्रस्तावकों को भी पहुंचने नहीं दिया गया. बताते चलें कि मुरादाबाद में भाजपा के पास 10 पंचायत सदस्य, सपा के पास 11 सदस्य और बसपा के 12 पंचायत सदस्य हैं.
मेरठ
इसी तरह मेरठ जिले में भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा के प्रत्याशी का निर्विरोध निर्वाचित होना लगभग तय है. यहां कारण ये रहा है कि मेरठ के डीएम कार्यालय में नामांकन पत्रों की जांच का कार्य अभी चल रहा है. नामांकन पत्रों की जांच में गठबंधन प्रत्याशी सलोनी गुर्जर के नामांकन पर आपत्ति पाई गई है. इस कारण उनका पर्चा अस्वीकार कर दिया गया है. इसके चलते भाजपा के प्रत्याशी गौरव चौधरी निर्विरोध निर्वाचित हो सकते हैं.
मऊ
मऊ में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के नामांकन में भाजपा के उम्मीदवार मनोज राय को निर्विरोध चुना गया है. हैरानी की बात ये है कि भाजपा के अलावा किसी पार्टी के उम्मीदवार ने अपना नामांकन दाखिल नही किया. हालांकि सपा द्वारा पहले से ही राम नगीना यादव को अपना प्रत्याशी घोषित किया गया था लेकिन वह अपना नामंकन नही कर सके.
बीजेपी उम्मीदवार के निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष ने प्रेसवार्ता करके अपने भाजपा के इशारे पर जिला प्रशासन द्वारा उनके प्रत्याशी को गायब करने का संगीन आरोप लगाया है. जहां एक तरफ भाजपा के लोग इस जीत की खुशी में ढोल नगाड़े बजाकर और पटाखे फोड़कर जीत का जश्न मना रहे हैं, वहीं समाजवादी पार्टी का पूरा खेमा इस जीत को पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा बता रहा है.
समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष धर्म प्रकाश यादव ने प्रेस वार्ता करके बताया ''जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर आज नामांकन का दिन था. समाजवादी पार्टी के सभी कार्यकर्ता नामांकन करने के लिए तैयार थे. लेकिन कल से ही हमारा प्रत्याशी घर पर ही नहीं है. प्रशासन के लोग कल शाम को हमारे प्रत्याशी राम नगीना यादव के घर पर गए थे, जिसमें एडीएम और उनके साथ पुलिस फोर्स भी थी. मैं भी वहां पर मौजूद था. उनके घर पर जाकर इन लोगों ने उनको धमकाने का काम किया और घोसी कोतवाली में जाकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. घर के पूरे परिवार को डराया धमकाया गया और कल से हमारे प्रत्याशी लापता है. हम लोगों को यह अंदेशा है कि कहीं न कहीं यह लोग उनको छुपा कर रखे हैं.''
सहारनपुर
सहारनपुर में भाजपा और संयुक्त मोर्चे के प्रत्याशी ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. लेकिन बसपा प्रत्याशी तीन बजे के बाद पहुंचने के कारण अपना नामांकन नहीं कर पाईं हैं. कांग्रेस ने बसपा पार्टी के उम्मीदवार पर भाजपा से सांठगांठ का आरोप लगाया है. सहारनपुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा के मांगेराम चौधरी व संयुक्त मोर्चा के प्रत्याशी जयवीर ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है.
वहीं बसपा प्रत्याशी शिमला देवी अपना नामांकन भरने के लिए 3 बजे के बाद पहुंची, इसलिए उन्हें बिना पर्चा भरे ही बैरंग वापस लौटना पड़ा. कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ने बसपा प्रत्याशी शिमला देवी पर भाजपा से साथ साठगांठ करने का आरोप लगाया है. कल तक मुख्य मुक़ाबला बसपा की प्रत्याशी शिमला देवी व भाजपा प्रत्याशी मांगेराम के बीच ही माना जा रहा था. पहले बसपा प्रत्याशी को बाकी दलों का भी समर्थन प्राप्त था. लेकिन शाम होते-होते जब बाकी दलों को बसपा प्रत्याशी के परचा ना भरने का कुछ एहसास हुआ तो कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मुजफ्फर ने आनन फानन में अपने प्रत्याशी के लिए पर्चा लेने की कोशिश की. लेकिन मुजफ्फर के अनुसार उन्हें जिला प्रशासन ने यह कह कर नोमिनेशन फार्म नहीं दिया कि उसका समय दोपहर 11 बजे तक था.
इसके बाद कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ने एक निर्दलीय प्रत्याशी जयवीर उर्फ जोनी का संयुक्त मोर्चे के प्रत्याशी के रूप में पर्चा दाखिल करवा दिया. मुजफ्फर ने दावा किया कि भाजपा के पास सिर्फ 14 कैंडिडेट हैं और उनके संयुक्त मोर्चे के पास लगभग 34 के आसपास हैं.
गाजियाबाद
गाजियाबाद में समाजवादी पार्टी और लोकदल के लोग गाजियाबाद के कंट्री इन होटल पर धरने पर बैठ गए हैं, उन्होंने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने जो प्रस्तावक बनाया था उसको कैद कर लिया गया है और इनके होटल में रखा है. वहीं भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी ममता त्यागी ने अपना नामांकन कर दिया है. उनके साथ उनका नामांकन करवाने गाजियाबाद से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह भी पहुचे थे. वीके सिंह ने कहा बेशक कुल 14 सीटों में से उनके पास दो अपनी और एक का निर्दलीय समर्थन है लेकिन फिर भी समीकरण उनके पास में हैं.
झांसी
झांसी जिला पंचायत अध्यक्ष पद के नामांकन को लेकर चल रही सियासत में उस वक्त हड़कंप मच गया जब समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी आशा कमल गौतम नामांकन ही नहीं कर सकीं. आरोप लगाया गया है कि सत्ता के बल पर पुलिस की मदद से पार्टी सदस्यों को नामांकन करने के लिए आने से पहले ही रोक लिया गया गया है. प्रस्तावक व अनुमोदक के झांसी न पहुंचने के कारण सपा प्रत्याशी आशा कमल का नामांकन ही नहीं हो सका, इस प्रकार जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी पर भाजपा के पवन गौतम का निर्विरोध निर्वाचन होना तय माना जा रहा है.
बदायूं
बदायूं में सुबह सपा ने अपना जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी घोषित कर बीजेपी को बड़ा झटका दे दिया है. सपा ने बसपा के 2 बार के विधायक सुनोद शाक्य और 2019 में बसपा से सांसद प्रत्याशी सुनीता शाक्य को सपा की सदस्यता ग्रहण कराते हुए ,सुनीता शाक्य को जिला पंचायत का प्रत्याशी घोषित कर दिया है. सुनीता शाक्य बीजेपी की संभावित प्रत्याशी थीं,जिसके चलते बीजेपी ने जिला पंचायत चुनाव के दौरान सुनीता शाक्य के खिलाफ कोई भी प्रत्याशी नही खड़ा किया था. लेकिन बीजेपी ने जब डीपी यादव के परिवार से वर्षा यादव को प्रत्याशी घोषित किया, तो सुनीता शाक्य ने सपा का झंडा थाम लिया. सुनीता शाक्य बसपा और अब सपा के सदस्यों के समर्थन से अपना मजबूत दावा पेश कर रही हैं.
गोरखपुर
गोरखपुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा समर्थित प्रत्याशी साधना सिंह ने शनिवार को 12:30 बजे नामांकन दाखिल कर दिया. गोरखपुर में साधना सिंह का निर्विरोध निर्वाचन तय है क्योंकि सपा प्रत्याशी जितेंद्र यादव नामांकन पत्र ही दाखिल नहीं कर सके. दरअसल, सपा प्रत्याशी आलोक कुमार गुप्ता आखिरी वक्त में नामांकन दाखिल करने से पीछे हट गए, फिर सपा ने जितेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया.
जितेंद्र नामांकन दाखिल करने निकले. लेकिन कलेक्ट्रेट गेट पर ही भाजपा कार्यकर्ताओं से विवाद हो गया. आरोप है कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुख्य गेट बंद कर दिया था, इस कारण जितेंद्र नामांकन स्थल तक नहीं पहुंच सके. इस घटना से नाराज सपा नेताओं ने कलेक्ट्रेट स्थित शास्त्री चौक पर प्रदर्शन किया. सपा जिला अध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह पूरी तरह से सोची समझी साजिश है इस बारे में हमने नेतृत्व को अवगत करा दिया गया है.
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