अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ विकास के लिए प्रशासन ने जमीनों का अधिग्रहण शुरू कर दिया है. अयोध्या से दो जिले जुड़े हुए होंगे. इसमें बस्ती मंडल से करीब 50 गांवों की जमीन अयोध्या में मिलाई जाएगी. ये जमीन सरयू पार के इलाके मे पड़ती है.
इनके अधिग्रहण के लिए प्रशासन ने गांवों में नोटिस भेजना शुरू कर दिया है. अयोध्या को चारों तरफ से विकसित करने के लिए प्रशासन न्यू अयोध्या एरिया भी बसाने की योजना बना रहा है, जिसके लिए 600 एकड़ जमीन अधिग्रहण करने का काम चल कहा है.
अयोध्या के प्रॉपर्टी डीलर और रियल एस्टेट कारोबारियों की मानें तो आने वाले दिनों में अयोध्या में प्रॉपर्टी में जबरदस्त उछाल आ सकता है. बाजार के भाव के हिसाब से देखें तो प्रॉपर्टी में ये उछाल 3 गुना तक आ चुका है.
रियल एस्टेट कारोबारियों का मानना है कि जैसे ही राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा, यहां पर होटल, रिजार्ट, धर्मशाला और लोगों के खाने-पीने की जगहों की मांग बेहद बढ़ जाएगी.
रियल एस्टेट कारोबारी मोहम्मद नसीम ने कहा कि अयोध्या में यूं तो पिछले करीब एक-डेढ़ साल से जमीनों के दाम बढ़ रहे थे. लेकिन जैसे ही भूमि पूजन और निर्माण की तारीख नजदीक आती गई यहां पर जमीन के बारे में पता करने वालों का तांता लग गया. मार्केट के जानकारों के मुताबिक, ज्यादातर मांग बड़े कारोबारियों की तरफ से आ रही है जो कि यहां पर होटल और धर्मशाला बनाकर लोगों के ठहरने का इंतजाम करना चाहते हैं.
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रियल स्टेट कारोबारी फतेह बहादुर वर्मा ने कहा कि अयोध्या में पहले कभी किसी सरकार ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया, लेकिन 2017 में बीजेपी की सरकार आने के बाद अयोध्या के विकास और निर्माण की लगातार चर्चा होती रही और सरकार ने तमाम योजनाएं शुरू कीं. इसके तहत फ्लाईओवर, सड़कों का चौड़ीकरण, शहर का सौंदर्यीकरण, पुराने जर्जर मंदिरों का पुनरुद्धार आदि काम हुए.
बता दें कि 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से भूमि पूजन होने की खबर के बाद इन सभी कामों में प्रशासन ने भी तेजी कर दी है, लेकिन सबसे ज्यादा बदलाव अयोध्या और आसपास के जिलों के रियल एस्टेट कारोबार में आया है.
(अयोध्या से बलवीर सिंह के साथ शिवेंद्र श्रीवास्तव की रिपोर्ट)
शिवेंद्र श्रीवास्तव