यह मांग डासना जेल के अधीक्षक की ओर से की गई थी. जिस कॉलेज को जेल में बदला गया है, वह पूरी तरह से जेल के नियमों के हिसाब से चलेगा. अस्थाई जेल परिसर में पीएसी की तैनाती होगी.
गाजिबाद पुलिस जेल की सुरक्षा व्यवस्था देखेगी. सभी कैदियों की जानकारी जेल स्टाफ तक पहुंचाई जाएगी. नए कैदियों को पहले इस जेल में रखा जाएगा. सूत्रों का कहना है कि जब कैदी का क्वारनटीन पीरियड खत्म हो जाएगा, तब उन्हें मेन जेल भेजा जा सकता है.
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हालांकि अभी तक गाजियाबाद की जेलों में कोई कोरोना का केस नहीं पाया गया है. दिल्ली के कई जेलों में कैदी और स्टाफ कोरोना संक्रमति हो चुके हैं. मंडोली जेल में एक कैदी की कोरोना से मौत भी हो चुकी है. ऐसे में जिला प्रशासन ने एहतियातन यह फैसला लिया है.
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दरअसल जेल मैनुअल की धारा 953, 937 और बंदी अधिनियम 1984 की धारा 11 में यह अधिकार जिला मजिस्ट्रेट को होता है कि वे इन शक्तियों का इस्तेमाल करके अस्थाई जेल बना सकते हैं. बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है.
पुनीत शर्मा