दिल्ली के अस्पतालों में दिल्लीवालों के ही इलाज के फैसले पर सियासी संग्राम शुरू हो गया है. इलाज को लेकर केजरीवाल सरकार के फैसले पर भड़के उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इसे विभाजनकारी बताया है. उन्होंने इस आदेश को तुरंत वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि इसे जनता स्वीकार नहीं करेगी.
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आजतक से बात करते हुए मौर्य ने कहा कि देश में किसी भी समस्या का अगर कोई केंद्र है, तो वह अरविंद केजरीवाल हैं. प्रवासी मज़दूरों को लेकर समस्या भी उन्होंने ही उत्पन्न की. उन्होंने कहा कि तब लॉकडाउन घोषित होने के बाद केजरीवाल ने यूपी के रहने वाले लोगों को दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर छोड़वा दिया था. अब अस्पतालों में इलाज को लेकर विभाजनकारी राजनीति कर रहे हैं.कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...
यूपी के डिप्टी सीएम ने कहा कि केजरीवाल सरकार के इस आदेश से अन्य प्रदेशों के साथ विवाद उत्पन्न होगा. उन्होंने कहा कि दिल्ली और महाराष्ट्र में कोरोना से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन यूपी में रिकवरी रेट 60 प्रतिशत तक पहुंच गया है. मौर्य ने कहा कि दिल्ली सरकार को भी इस महामारी से लड़ने के लिए सकारात्मक कदम उठाने चाहिए.देश-दुनिया के किस हिस्से में कितना है कोरोना का कहर? यहां क्लिक कर देखें
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के अस्पतालों में केवल दिल्ली वालों के ही इलाज पर जनता से सुझाव मांगे थे. केजरीवाल ने रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए यह ऐलान कर दिया कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में केवल दिल्ली वालों का ही इलाज होगा. कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए केजरीवाल कैबिनेट की मीटिंग में यह फैसला लिया गया. दिल्ली सरकार के मुताबिक प्रदेश के निजी अस्पतालों में भी केवल प्रदेशवासियों का ही इलाज होगा.
नीलांशु शुक्ला