छात्रा ने सुनाई खरी-खरी, बंद हो गई मंत्रीजी की बोलती

मंत्री दर्जा प्राप्त राज बहादुर गांव पहुंचे तो चेले-चपाटों की ओर से स्वागत करने और फूलमालाएं पहनाए जाने से गदगद दिखे. गांव के प्रधान को साथ बिठाकर चौपाल भी जोड़ी गई.

Advertisement
मंत्री राज बहादुर मंत्री राज बहादुर

खुशदीप सहगल

  • महोबा,
  • 26 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 12:15 AM IST

यूपी में चुनाव दूर नहीं है. इसे देखते हुए अखिलेश सरकार और समाजवादी पार्टी ने अपने नेताओं को लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनने में लगाया है. ऐसे ही प्रयास के तहत बुंदेलखंड के महोबा जिले में मंत्री दर्जा प्राप्त और सैनिक कल्याण निगम के उपाध्यक्ष राज बहादुर लोहिया ग्रामों में शामिल गांव सिजहरी में पहुंचे.

उनका कार्यक्रम लोगों की समस्याएं सुनने के साथ गांव में ही रात्रि विश्राम का था. लेकिन वहां एक छात्रा ने ऐसी खरी खरी सुनाई कि नेताजी से जवाब नहीं बना. उन्होंने गांव में रात्रि विश्राम का कार्यक्रम रद्द कर जिला मुख्यालय लौट जाना ही बेहतर समझा. दरअसल, मंत्री दर्जा प्राप्त राज बहादुर गांव पहुंचे तो चेले-चपाटों की ओर से स्वागत करने और फूलमालाएं पहनाए जाने से गदगद दिखे. गांव के प्रधान को साथ बिठाकर चौपाल भी जोड़ी गई. साथ ही लोगों से कहा कि अपनी कोई समस्याएं हैं तो बताइए, जिन्हें सरकारी स्तर पर दूर करने का प्रयास किया जाएगा. लोगों ने सड़क, बिजली, पानी जैसी समस्याएं गिनाना शुरू किया. किसी ने राशनकार्ड की समस्या बताई. ऐसे में राज बहादुर हर सवाल पर यही रटा रटाया जवाब देते नजर आए, 'हमारी सरकार को चार साल हो गए, कई योजनाओं के लिए करोड़ों रुपये दिए गए. ये समस्याएं पहले ही बता देते तो दूर हो जाती, चार साल तक चुप क्यों रहे.'

Advertisement

मंत्री जी के सामने खुलकर बोली छात्रा
अब राज बहादुर जी को कौन बताता कि वो बीते चार साल में इस तरह चौपाल लगाकर गांव में नेता पहले समस्याएं सुनने ही कब आए. लेकिन राज बहादुर की असली दिक्कत शुरू होनी अभी बाकी थी. किरन नाम की 16 वर्षीय छात्रा किरन समस्याएं सुनाने के लिए खड़ी हुई तो नेता जी की बोलती ही बंद हो गई. किरन ने भरी चौपाल में खरी खरी सुनाते हुए कहा, 'गांव में पहले नेता आए थे तो इंटर कॉलेज बनाने का बहुत जोश से वादा किया था. लेकिन कुछ किया नहीं. हम छात्राओं को इंटर के साथ डिग्री कॉलेज भी चाहिेए. हमें पता है आप नहीं दे पाएंगे. बस कह जाएंगे. आप बड़े अच्छे शब्दों के साथ सब कुछ कराने की बात कह जाएंगे लेकिन करवा कुछ भी नहीं पाएंगे. कहने के साथ आप करना भी सीखिए मिनिस्टर जी.'

Advertisement

वोट के लिए करते हैं वादे
छात्रा किरन ने कहा, 'मिनिस्टर का काम होता है राष्ट्र को बेहतर बनाना, पथ प्रदर्शक बनना, ना कि किसी की बात सुन लेना और टाल देना. यही करते हैं सारे नेता. क्योंकि चुनाव आ रहे हैं तो बड़े-बड़े नेता सभी जगह घूम रहे हैं. ये कहते हुए कि हमें जीताएं, हमें जीताएं. जीत गए तो अच्छा है, हार गए तो कुछ नहीं.'

छात्रा ने नेताजी से मांगा जवाब
छात्रा बोलती जा रही थी और नेताजी समेत सभी लोग चुपचाप सुनते जा रहे थे. छात्रा ने कहा, 'मेरी बात सबको बुरी लग रही होगी, क्योंकि सत्य सब को कड़वा लगता है. हमें इंटर कॉलेज चाहिए, डिग्री कॉलेज चाहिए. छात्रा ने राज बहादुर की ओर रुख करते हुए कहा, 'आप कह तो जाएंगे. लेकिन बताइए क्या आप दिलवा पाएंगे कॉलेज? छात्रा के सीधा सवाल करने पर राज बहादुर ने सकपकाते हुए कहा कि आप सब से बात कर रही हो तो कर लो. इस पर फिर छात्रा ने कहा, 'मैं आपसे पूछ रही हूं, आप बताइए ना. इस पर राज बहादुर ने कहा कि जो समस्या आपने बताई है वो गांव के प्रधान पहले ही बता चुके हैं. छात्रा के तेवर देखकर आखिर उसे तालियां बजाकर चुप करने के लिए मजबूर कर दिया गया. लेकिन तब तक नेताजी की चौपाल जरूर चौपट हो चुकी थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement