रोहित वेमुला केस में और जांच करेगी तेलंगाना पुलिस, क्लोजर रिपोर्ट पर मां ने जताया संदेह

तेलंगाना डीजीपी की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया कि चूंकि मृतक रोहित वेमुला की मां और अन्य लोगों द्वारा जांच पर कुछ संदेह व्यक्त किए गए हैं इसलिए मामले की आगे और जांच करने का फैसला लिया गया है. न्यायालय में एक याचिका दायर कर मजिस्ट्रेट से मामले की आगे की जांच की अनुमति देने का अनुरोध किया जाएगा.

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रोहिता वेमुला मामले में आगे और जांच करेगी पुलिस रोहिता वेमुला मामले में आगे और जांच करेगी पुलिस

अपूर्वा जयचंद्रन

  • हैदराबाद,
  • 04 मई 2024,
  • अपडेटेड 12:56 AM IST

तेलंगाना पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि वह छात्र रोहित वेमुला की मौत के मामले में आगे और जांच करेगी क्योंकि मृतक की मां और कुछ अन्य लोगों की ओर से पुलिस द्वारा कोर्ट में दाखिल क्लोजर रिपोर्ट पर कुछ संदेह व्यक्त किए गए हैं. तेलंगाना के डीजीपी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कोर्ट में एक याचिका दायर कर मजिस्ट्रेट से केस में आगे जांच की अनुमति मांगी जाएगी.

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इससे पहले खबर आई थी कि हैदराबाद पुलिस ने मामले में जांच पूरी कर ली है और तेलंगाना हाई कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई है. मामले की जांच बंद करते हुए पुलिस की तरफ से तेलंगाना हाई कोर्ट में यह दावा किया गया है कि रोहित को यह पता था कि वह दलित नहीं था और जाति की पहचान उजागर होने के डर से उसने आत्‍महत्‍या कर ली थी. 

मामले की और जांच करेगी पुलिस

तेलंगाना डीजीपी की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि चूंकि मृतक रोहित वेमुला की मां और अन्य लोगों द्वारा जांच पर कुछ संदेह व्यक्त किए गए हैं इसलिए मामले की आगे और जांच करने का फैसला लिया गया है. न्यायालय में एक याचिका दायर कर मजिस्ट्रेट से मामले की आगे की जांच की अनुमति देने का अनुरोध किया जाएगा.

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पुलिस जांच में क्या सामने आया?

जनवरी 2016 में रोहित वेमुला की आत्महत्या से मौत के कारण विश्वविद्यालयों में दलितों के खिलाफ भेदभाव को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था. पुलिस की जांच में सामने आया है कि रोहित ने अपनी सही जाति के उजागर होने के डर से आत्महत्या की थी. उसने खुद को अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित नहीं बताया था. 

पुलिस ने अपनी जांच में पाया है कि रोहित वेमुला को डर था कि उनकी जाति की सच्चाई बाहर आ जाएगी, क्योंकि वो अनुसूचित जाति से नहीं आते थे. पुलिस ने अपनी इस रिपोर्ट को तेलंगाना हाई कोर्ट को सौंपा है और कहा है कि रोहित को पता था कि उनकी मां ने उन्हें अनसूचित जाति का सर्टिफिकेट दिलवाया था.

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