जानिए, कौन होता है भारत का नागरिक और किस आधार पर मिलती है नागरिकता?

सवाल है कि आखिर भारत का नागरिक कौन होता है और यहां की नागरिकता किस आधार पर मिलती है? तो हम आपको बता दें कि भारत की नागरिकता चार तरीके से मिलती है.

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पूरे देश में नागरिकता कानून पर मचा बवाल पूरे देश में नागरिकता कानून पर मचा बवाल

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:11 AM IST

  • चार तरीके से मिलती है भारत की नागरिकता
  • नागरिकता कानून को लेकर कई जगह प्रदर्शन

नागरिकता संशोधन कानून के सवाल पर देश में बवाल मचा हुआ है. कानून पर सरकार का कहना है कि इससे किसी भी अल्पसंख्यक की नागरिकता को खतरा नहीं है और यह नागरिकता लेने का नहीं देना का कानून है. वहीं विरोध करने वालों की दलील है कि इस कानून को एनआरसी से जोड़कर देखा जाए और इसके तहत धर्म के आधार पर नागरिकता दी जा रही है. कानून के खिलाफ पूरे देश में जगह-जगह हिंसक प्रदर्शन हुए हैं और इस दौरान कई लोगों की जान भी गई है. 

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ऐसे में सवाल है कि आखिर भारत का नागरिक कौन होता है और यहां की नागरिकता किस आधार पर मिलती है? तो हम आपको बता दें कि भारत की नागरिकता चार तरीके से मिलती है.

जन्म से नागरिकता

> जन्म से भारत की नागरिकता उन्हीं लोगों को मिली हुई है जो 26 जनवरी 1950 से 1 जुलाई 1987 के बीच भारत में पैदा हुए, फिर चाहे उनके माता-पिता कहीं के भी रहने वाले हों.

> 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच पैदा हुए बच्चे जिनके मां या बाप जन्म के समय भारत के नागरिक हों.

> 3 दिसंबर 2004 के बाद पैदा हुए बच्चे जिनके मां या बाप जन्म के समय भारतीय नागरिक हों और दोनों में से कोई भी अवैध घुसपैठिया ना हो.

रजिस्ट्रेशन से नागरिकता

> रजिस्ट्रेशन के माध्यम से भारत की नागरिकता उसे हासिल है जो भारतीय मूल का व्यक्ति आवेदन करने के 7 साल पहले से भारत में रह रहा हो.

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> भारतीय मूल का कोई भी व्यक्ति जो अविभाजित भारत के अलावा किसी दूसरे देश में रह रहा हो.

> भारतीय नागरिक से शादी करने वाला व्यक्ति बशर्ते वो आवेदन से 7 साल पहले से भारत में रह रहा हो.

> भारतीय नागरिकों के 18 साल से कम उम्र के बच्चे

वंशज होने के नाते

वंशज होने के नाते का अर्थ यह है कि वो व्यक्ति जिनके माता या पिता जन्म से भारतीय नागरिक हैं, लेकिन उनका खुद का जन्म किसी दूसरे देश में हुआ हो, वो भारत की नागरिकता हासिल कर सकता है .

नैचुरलाइजेशन या देशीकरण

देशीकरण के मुताबिक कोई भी व्यक्ति अगर 12 साल तक भारत में रहे और नागरिकता के लिए आवेदन से पहले लगातार एक साल तक भारत में रहा हो उसे नागरिकता हासिल हो सकती है.

इससे यह स्पष्ट है कि अगर एनआरसी का आधार सिटिजनशिप एक्ट को बनाया भी जाता है, तो उस सिटिजनशिप एक्ट के प्रावधान भारत में धर्म के आधार पर कोई बंटवारा नहीं कर रहे. अगर इन आधार पर आप भारत के नागरिक हैं, तो आपकी नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

ऐसा भी नहीं है कि तीन देशों के मुसलमान नागरिक नहीं बन सकते. इस विवाद के बीचों बीच हसीना बेन नाम की पाकिस्तानी मुस्लिम ने भारत की नागरिकता हासिल की है. वो भी बगैर दस्तावेज, सिर्फ मानवता के आधार पर.

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