केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा, 'यह आम धारणा है कि फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के गोदामों में प्रति वर्ष काफी मात्रा में अनाज खराब हो जाता है जो बिल्कुल गलत है. 2015-16 में 623.06 एलएमटी चावल और गेहूं की खरीद हुई, जिसमें से 3116 टन बर्बाद हुआ जो कुल खरीद का 0.005 फीसदी है.'
केंद्रीय मंत्री ने कहा, '2016-17 में 610 लाख टन अनाज की खरीद हुई जिसमें से 0.014 फीसदी टन अनाज खराब हुआ. फिर 2017-18 में 690 एलएमटी अनाज में से 2664 टन जो कि कुल खरीद का 0.003% है, खराब हुआ. 2018-19 में 801 एलएमटी खरीद में से 0.006% यानी 5214 टन अनाज खराब हुआ.'
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अनाज बर्बादी का स्तर नगण्य
राम विलास पासवान ने कहा कि 2019-20 में 751.72 एलएमटी अनाज की खरीद में खराब अनाज मात्र 0.002 फीसदी है यानी कि 1930 टन अनाज खराब हुआ. जबसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी है, हमने भंडारण और वितरण के वैज्ञानिक तौर-तरीके अपनाकर अन्न की बर्बादी के स्तर को नगण्य कर दिया है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हम भंडारण में एफआईएफओ, (FIFO) यानी पहले आए अनाज का पहले वितरण की पॉलिसी अपना रहे हैं. हमारा लक्ष्य 100 एलएमटी क्षमता के स्टील सायलो बनाने का है जिससे अनाज की बर्बादी शून्य हो जाएगी.'
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केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने मौजूदा खाद्य आंवटन पर कहा कि 21अप्रैल को एफसीआई ने 56 रेल रैक के जरिए 1.57 लाख टन खाद्यान्न विभिन्न राज्यों के लिए रवाना किया और 65 रैक से 1.82 एलएमटी अनाज गोदामों में अनलोड किया गया. राज्यों ने मुफ्त वितरण हेतु 21 अप्रैल तक 40.03 एलएमटी खाद्यान्न का उठाव किया है.
लॉकडाउन के दौरान राज्यों को पहुंचाया जा रहा खाद्यान्न
लॉकडाउन के दौरान एफसीआई ने महाराष्ट्र में राहत कैंप चला रहे 63 एनजीओ और ट्रस्ट को 137.5 टन गेहूं व 388.5 टन चावल और उपनगरीय मुंबई, ठाणे, पुणे, रायगढ़, सिंधुदुर्ग और नागपुर में चल रहे सार्वजनिक रसोई को वहां के जिलाधिकारी के माध्यम से 681.6 टन गेहूं/1007 टन चावल आवंटित किया है.
27 अप्रैल को पीएम मोदी की बैठक
कोरोना वायरस संक्रमण बेहद तेजी से देश में पांव पसार रहा है. कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 20 हजार 471 तक पहुंच गई है. मौत का आंकड़ा 652 हो गया है. बीते 24 घंटे में 50 लोगों की मौत हो चुकी है. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉकडाउन की स्थिति पर 27 अप्रैल को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ तीसरी बार बैठक करेंगे.
गौरलतब है कि 14 अप्रैल को हुई बैठक के बाद ही 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला लिया गया था. लगातार बढ़ रहे लॉकडाउन की वजह से ही खाद्यान्न संकट पर आशंकाओं का दौर जारी है. हालांकि केंद्र सरकार साफ कर चुकी है कि देश में कोई खाद्यान्न संकट नहीं है.
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