नरेंद्र मोदी सरकार में वित्त और कंपनी मामलों के राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने लोगों से अपील की है कि वे मुलाकात के दौरान उन्हें बुके (गुलदस्ते) की जगह बुक (किताब) भेंट करें. भेंट के दौरान मिलने वाली किताबों का उपयोग पुस्तकालय में होगा. यह पुस्तकालय उनके हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में स्माइल सांसद मोबाइल लाइब्रेरी फॉर एजुकेशन पहल के तहत खुला है.
हमीरपुर सांसद और मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह अपील फेसबुक पेज पर एक पोस्ट लिखकर की है. इस पहल की लोग सराहना कर रहे हैं. 24 घंटे के भीतर 22 हजार से ज्यादा लोगों ने उनके फेसबुक पोस्ट को लाइक किया. आमतौर पर मंत्रियों और अफसरों से मुलाकात और स्वागत के दौरान लोग बुके भेंट करते हैं. मगर अनुराग ठाकुर ने बुके न देने की अपील की है.
चौथी बार सांसद बने हैं अनुराग
हमीरपुर लोकसभा सीट से अनुराग ठाकुर चौथी बार जीते हैं. वह पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे हैं. इस बार उन्हें रिकॉर्ड 69.04 फीसद वोट मिले. पहली बार वह मई 2008 में हुए उपचुनाव में सांसद बने थे. इसके बाद वह 2009 और 2014 के लोकसभा चुनावों में लगातार जीते. ठाकुर, भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. 26 जनवरी 2011 को लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए कोलकाता से श्रीनगर तक की राष्ट्रीय एकता यात्रा के कारण सुर्खियों में रहे थे.
24 अक्टूबर 1974 को पैदा हुए अनुराग जालंधर के एक कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई किए हैं. 44 वर्षीय ठाकुर मई 2016 से फरवरी 2017 तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) के भी अध्यक्ष रहे. बाद में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद बाद उन्हें पद से हटना पड़ा था. 2011 में सर्वश्रेष्ठ युवा सांसद का पुरस्कार भी अनुराग पा चुके हैं. वह लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के मुख्य सचेतक भी रह चुके हैं.
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