साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कई राज्यों के एटीएम खाली हो गए हैं और कैश निकालने के लिए लोग लाइनों पर लगे हुए हैं. देश में नोटबंदी के झटके के बाद नगदबंदी ने आम जनता को दूसरा तगड़ा झटका दिया है. आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए नोटों की होल्डिंग की बात कही जा रही है. इस मसले पर वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला का कहना है कि अगर कोई पैसे की जमाखोरी कर रहा है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि फिलहाल मामले की जांच की जा रही है. अभी तक इस बात की जानकारी नहीं हो पाई है कि आखिर नोटों की जमाखोरी कौन कर रहा है? अगर नोटों की जमाखोरी पाई गई, तो मामले में कार्रवाई की जाएगी. इसका पता लगाने के लिए कमेटी बनाई गई हैं. इस समस्या से निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. वहीं, एक बार फिर से वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक के बयानों से आपसी तालमेल की झलक दिखने लगी.
बुधवार को एक सवाल के जवाब में वित्त राज्यमंत्री शुक्ला ने कहा, ''मंगलवार को मैं इस संबंध में बता चुका हूं. जो बातें मैंने कही है, उसी के आधार पर समस्या का तुरंत हल निकाला जा रहा है. रिजर्व बैंक और शासन की कमेटी मिलकर इस पर काम कर रहे हैं और जल्दी ही कैश की किल्लत को ठीक कर लिया जाएगा. बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के सूबे में कैश की किल्लत के बयान पर शिव प्रताप शुक्ला ने कहा, ''मैं भी मानता हूं कि कैश की किल्लत है. हम पीछे नहीं हट रहे हैं. मैंने भी इस बात को स्वीकारा है.''
उन्होंने कहा, ''सरकार इस समस्या को दूर करने में लगी हुई है. हमारे पास पैसे की कमी नहीं है. इस पर काम शुरू हो गया है और जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा. इसके लिए हमने कमेटी बनाई है. दो कमेटी बन चुकी हैं. रिजर्व बैंक भी मामले को देख रहा है. हमारी कमेटी भी देख रही है. जल्द ही कैश की किल्लत को दूर कर लिया जाएगा.
राम कृष्ण / अशोक सिंघल