UNHRC का अहम सत्र शुरू, अनुच्छेद 370 पर पाकिस्तान को घेरेगा भारत

अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर पाकिस्तान अगर कोई प्रस्ताव लाना चाहता है तो उसे यूएनएचआरसी की बैठक में 19 सितंबर से पहले लाना होगा. उसकी कोशिश अन्य देशों के साथ मोर्चेबंदी पर निर्भर करेगी कि इसमें वह कितना सफल हो पाता है.

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विदेश मंत्री एस. जयशंकर (IANS) विदेश मंत्री एस. जयशंकर (IANS)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 7:35 AM IST

  • यूएनएचआरसी की बैठक में पाक उठा सकता है 370 का मुद्दा
  • भारत ने कई देशों से साधा कूटनीतिक संपर्क
  • 9 से 27 सितंबर तक चलेगा यूएनएचआरसी का सत्र

संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार परिषद् (यूएनएचआरसी) का एक अहम सत्र सोमवार से शुरू होने जा रही है. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि पाकिस्तान इस बैठक में कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने का मुद्दा उठा सकता है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इसके संकेत दिए हैं. इसे देखते हुए भारत ने भी पूरी तैयारी की है ताकि पाकिस्तान को इस मुद्दे पर किसी देश का समर्थन न मिल सके.

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भारत सरकार संयुक्त राष्ट्र महासभा, संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार परिषद्, यूरोपियन संसद और अमेरिकी कांग्रेस के साथ लगातार कूटनीतिक संपर्क में है ताकि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के मुद्दे पर पाकिस्तान के पक्ष में किसी देश का समर्थन न जाए. कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत के खिलाफ मोर्चाबंदी का अभियान छेड़ रखा है. जिनेवा में 9 से 27 सितंबर तक चलने वाले यूएनएचआरसी सत्र में कुरैशी अनुच्छेद 370 का मुद्दा उठा सकते हैं, इसलिए भारत ने इसे काउंटर करने की पूरी तैयारी कर रखी है.

अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर पाकिस्तान अगर कोई प्रस्ताव लाना चाहता है तो उसे यूएनएचआरसी की बैठक में 19 सितंबर से पहले लाना होगा. उसकी कोशिश अन्य देशों के साथ मोर्चेबंदी पर निर्भर करेगी कि इसमें वह कितना सफल हो पाता है. हालांकि इसमें कामयाबी की गुंजाइश बहुत कम है क्योंकि लगभग सभी देशों ने उसे नकार दिया है और अनुच्छेद 370 के मुद्दे को भारत का आंतरिक मसला बताया है.

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विदेश मंत्री की बड़ी तैयारी

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है. अलग-अलग देशों के विदेश मंत्रियों से उनकी लगातार बात चल रही है ताकि पाकिस्तान को किसी भी प्रकार के समर्थन से वंचित रखा जा सके. सोमवार को वे सिंगापुर रवाना हो रहे हैं. उनके साथ एक शिष्टमंडल भी रहेगा. जयशंकर यहां भारत-सिंगापुर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.

राष्ट्रपति भी दौरे पर रवाना

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार रात तीन देशों के दौरे पर रवाना हो गए. वे सबसे पहले आईसलैंड जाएंगे, उसके बाद स्विट्जरलैंड और अंत में उन्हें स्लोवेनिया पहुंचना है. इन देशों की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद यह मुद्दा उठा सकते हैं कि कश्मीर या अनुच्छेद 370 हटाया जाना भारत का आंतरिक मसला है, इसलिए किसी अन्य देश की इसमें दखलंदाजी की जरूरत नहीं है.

राष्ट्रपति कोविंद की स्विट्जरलैंड यात्रा तब हो रही है जब जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार का सत्र शुरू होने जा रहा है. अभी हाल में स्विस फेडरल डिपार्टमेंट की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि कश्मीर के हालात और भारत की क्षेत्रीय स्थिति' पर बर्न में 13 सितंबर को राष्ट्रपति कोविंद और उनके स्विस समकक्ष उएली मॉरर के बीच बात हो सकती है.

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बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान ने भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विमान को अपने हवाई क्षेत्र से उड़ने की अनुमति देने के नई दिल्ली के आग्रह को शनिवार को ठुकरा दिया. विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत का अनुरोध खारिज किए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि पाकिस्तान को यह फैसला इसलिए लेना पड़ा, क्योंकि भारत ने कश्मीर को लेकर आक्रामकता दिखाई है.

विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा कि कश्मीर में भारत की ओर से की जा रही 'बर्बरता' एक गंभीर मुद्दा है, जिसे वह संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद में लेकर जाएंगे. उन्होंने कहा, अनुच्छेद 370 को हटे और जम्मू एवं कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद 34 दिन बीत चुके हैं, फिर भी वहां लोगों पर पाबंदियां लगी हुई हैं.

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