'अनआर्म्ड कॉम्बैट' ट्रेंड ITBP के कमांडो LAC पर दुश्मन को देंगे जवाब

वर्तमान समय में एलएसी पर जिस तरीके के हालात बने हैं, वैसे में आईटीबीपी चीन की हर एक करतूत का जवाब देने के लिए तैयार है. आईटीबीपी के जवानों को मसूरी में जापानी मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जा रही है.

Advertisement
मसूरी में दी जा रही मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग मसूरी में दी जा रही मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग

जितेंद्र बहादुर सिंह

  • मसूरी,
  • 24 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 7:45 PM IST

  • मसूरी में जवानों को दी जा रही मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग
  • चाकू या तलवार से हमले को भी कर सकेंगे नाकाम

लद्दाख में वास्तविक सीमा रेखा (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) पर चीन के साथ हिंसक झड़प में 20 जवान शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच बदले हालात में सरहद पर तैनात भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने बगैर हथियारों के भी दुश्मन को सबक सिखाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं.

Advertisement

वर्तमान समय में एलएसी पर जिस तरीके के हालात बने हैं, वैसे में आईटीबीपी चीन की हर एक करतूत का जवाब देने के लिए तैयार है. आईटीबीपी के जवानों को मसूरी में जापानी मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जा रही है. मार्शल आर्ट में गोलियों नहीं, तकनीक से प्रहार किया जाता है. आईटीबीपी के जवानों की यह ट्रेनिंग 24 सप्ताह की है. दावा किया जा रहा है कि ट्रेनिंग के बाद हर एक जवान 10-10 दुश्मनों से अकेले लड़ने में सक्षम होगा.

LAC पर चीनी खतरे से राजनाथ ने किया आगाह, कहा- तैयार रहे वायुसेना

आईटीबीपी अपने अधिकतर जवानों को इस मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दे रही है. पहाड़, पानी और जंगल में किस तरीके से लड़ना है, जवानों को यह सिखाया जा रहा है. बताया जाता है कि जवानों को यह भी सिखाया जा रहा है कि यदि कोई चाकू या तलवार से हमला करता है, तो उससे किस तरह निपटना है. एलएसी पर जिस तरह बगैर हथियार के बर्बर हमले की घटना हुई थी, उसे देखते हुए आईटीबीपी अपने जवानों को अन आर्म्ड कॉम्बैट से लड़ाई करने में सक्षम बनाने के लिए ट्रेंड कर रही है.

Advertisement

चीन को घेरने की तैयारी में नेवी, LAC पर तैनात होंगे नौसेना के मिग-29 विमान

यही नहीं, आईटीबीपी के जवानों को मसूरी स्थित इस ट्रेनिंग कैंप में हथियार चलाने की भी खास ट्रेनिंग दी जा रही है. यह जवान दुश्मन को पटखनी देने के लिए सिर्फ और सिर्फ मार्शल आर्ट पर ही निर्भर नहीं रहेंगे, बल्कि इन्हें बेहतर और फायरिंग और सटीक निशाना लगाने की भी ट्रेनिंग दी जा रही है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement