महिला कैदियों के लिए खुला तिहाड़ का सेमी ओपन जेल

जेल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब सेमी ओपन जेल के दरवाजे महिला कैदियों के लिए भी खुले हैं

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महिला कैदियों के लिए खुला सेमी ओपन जेल महिला कैदियों के लिए खुला सेमी ओपन जेल

दीपक कुमार / राम किंकर सिंह

  • नई दिल्‍ली,
  • 23 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 12:26 AM IST

सविता बग्गा (बदला नाम) हत्या की सजा में परोल पर हैं. सविता की सजा को 12 साल हो गए हैं लेकिन उसके लिए तिहाड़ की सेमी ओपन जेल के दरवाजे नहीं खुले. जबकि उसके साथ का एक आतंकी और आदतन जेल भागने वाले एक कैदी को सेमी ओपन जेल में भेज दिया गया.

हत्या केस में सजायाफ्ता सविता को लगता था कि आखिर एक महिला को 12 साल बीत जाने के बाद भी सेमी ओपन जेल में क्यों नहीं भेजा जाता? इसका जवाब किसी के पास नहीं था. न ही जेल अथॉरिटी और न ही दिल्ली सरकार.  लेकिन आज सविता समेत दूसरी 10 महिला कैदी खुश हैं. दरअसल, जेल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब सेमी ओपन जेल के दरवाजे महिला कैदियों के लिए भी खुले हैं.

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ये दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद हुआ है. हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई के बाद फैसला दिया कि सजायाफ्ता महिला कैदी जिन्होंने जेल में 12 साल की सज़ा काट ली है, वो भी दूसरे कैदियों की तरह सेमी ओपन जेल में जाने की हकदार हैं. याचिकाकर्ता और तिहाड़ जेल के पूर्व लीगल एडवाइजर सुनील गुप्ता बताते हैं कि इस बाबत उन्‍होंने सितंबर 2017 में दिल्ली हाइकोर्ट में याचिका लगाई थी जिसका निर्णय अदालत ने इसी साल 14 मई को दिया. इस फैसले के बाद कई महिला कैदियों ने उन्हें चिट्ठी लिखकर बधाई दी है.

क्‍यों आया कॉन्‍सेप्‍ट

अक्सर 14 साल बाद सरकार सजा में छूट देती हैं, ऐसे में कैदी समाज की मुख्य धारा में अचानक शामिल होकर डिप्रेशन में चला जाता था. इसलिए सेमी ओपन जेल का कॉन्‍सेप्‍ट लाया गया जिससे कि सजायाफ्ता कैदी धीरे-धीरे समाज की मुख्य धारा में आ सके.  हैरानी की बात ये थी कि अब तक महिला कैदियों को सेमी ओपन जेल कॉन्‍सेप्‍ट से वंचित रखा गया था.   

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क्या है सेमी ओपन जेल?

कुछ स्टाफ क्वार्टर को सेमी ओपन जेल कहा जाता है. 200 एकड़ में फैले तिहाड़ जेल कंपाउंड के भीतर ही खुले आसमान में कैदी काम करते हैं. तिहाड़ जेल के पूर्व लीगल एडवाइजर सुनील गुप्ता के अनुसार, " जो भी कैदी सेमी ओपन जेल का हिस्सा होता है वो तिहाड़ हाट या फिर तिहाड़ एमपोरियम में काम करता है. यहां पर पुरूष कैदी हेयरकट, बागवानी, चाय-पकौड़े, ब्रेड, कैंटीन का काम कर सकते हैं. वहीं महिला कैदी ब्यूटी पार्लर चला सकती हैं. इस वक्त जेसिका लाल का हत्यारा मनु शर्मा सेमी ओपन जेल में है. जेल मैनुअल के जानकार बताते हैं कि जिस कैदी का व्यवहार सेमी ओपन जेल में भी ठीक होता है उसके लिए पैरोल, फर्लो या फिर प्री-मेच्योर लीव आसानी से मिल जाती है.

पहले ये कैदी सेमी ओपन जेल से वंचित थे

-आदतल जेल से भागने वाला कैदी

-आदतन अपराध करने वाला

-NDPS ACT में बंद अपराधी

-आतंकवादी

-महिला कैदी (अब नहीं)

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